रांची: बचपन से ही मेरी रुचि म्यूजिक में थी. उसी को देखते हुए हमने 1971 में एक ऑरकेस्ट्रा ग्रुप बनाया था. उस समय मेरी उम्र 18 साल रही होगी, यह 1973 की बात है. अचानक मेरे दोस्तों ने मुङो बताया कि कोलकाता में आरडी बर्मन का शो हो रहा है. शो में मो रफी, किशोर कुमार, आशा भोंसले सहित बॉलीवुड के कई गायक अपने गीत पेश करेंगे. मैं रांची से कोलकाता के रवींद्र सरोवर ओपेन स्टेडियम पहुंच गया जहां यह शो था.
कार्यक्रम शुरू हुआ और मो रफी का मंच पर आगमन हुआ. मंच पर आने के साथ ही उन्होंने फिल्म कर्ज का गाना-दर्दे दिल, दर्दे जिगर, दिल में जगाया आपने.., रफी के ये दो लाइन सुनते ही पूरा स्टेडियम तालियों व सिटी की गड़गड़ाहट गूंज उठा. इधर रफी का गाना चल रहा था और उधर रफी के कुछ दीवाने स्टेडियम के 15 फीट की दीवार फांद कर मैदान में कूद रहे थे. इस दौरान एक दर्जन से अधिक लोग ऐसे थे, जो दीवार फांदने के चक्कर में अपना पैर तुड़वा बैठे थे. वहीं कई के सिर पुलिस की लाठी से फट गये थे. आज भी जब रफी का गीत सुनता हूं, तो लगता है कि वे सामने खड़े को होकर स्टेज पर गा रहे हैं.
वहां लाइन में खड़ा हो गया. लाइन करीब चार किलोमीटर लंबा था. टिकट के इंतजार में हम पूरी रात खड़े रहे. सुबह पांच बजे हमें टिकट मिल गया. इसके लिए हमें एक टिकट 90 रुपये की दर से खरीदना पड़ा. दिन के 10 बजे से शो शुरू होनेवाला था, जबकि साढ़े नौ बजते-बजते ही स्टेडियम में 80 हजार से अधिक लोग प्रवेश कर गये थे. बाहर की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही थी.