Advertisement
विडंबना : 11 करोड़ में से 76 हजार पर्यटक ही यहां अाये , पर्यटकों को पसंद नहीं निगम के होटल
रांची: झारखंड आनेवाले घरेलू-विदेशी पर्यटक झारखंड सरकार के होटलों व टूरिस्ट कांपलेक्स में ठहरना नहीं चाहते. इसकी वजह पर्यटन विकास निगम के होटलों व कांप्लेक्स भवन की दयनीय स्थिति, मूलभूत सुविधाअों (इंटरकॉम, इंटरनेट व परिवहन सुविधाअों) की कमी, बेहतर व कुशल होटल कर्मचारियों का अभाव सहित प्रचार-प्रसार की कमी होना है. एजी की रिपोर्ट के […]
रांची: झारखंड आनेवाले घरेलू-विदेशी पर्यटक झारखंड सरकार के होटलों व टूरिस्ट कांपलेक्स में ठहरना नहीं चाहते. इसकी वजह पर्यटन विकास निगम के होटलों व कांप्लेक्स भवन की दयनीय स्थिति, मूलभूत सुविधाअों (इंटरकॉम, इंटरनेट व परिवहन सुविधाअों) की कमी, बेहतर व कुशल होटल कर्मचारियों का अभाव सहित प्रचार-प्रसार की कमी होना है.
एजी की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक झारखंड में कुल 10.94 करोड़ पर्यटक अाये. पर इनमें से सिर्फ 75 हजार 662 ने ही रहने-ठहरने के लिए निगम के होटलों या टूरिस्ट कांपलेक्स को चुना. यानी कुल पर्यटकों का 0.05 से 0.15 फीसदी हिस्सा ही सरकारी होटलों को मिला.
उसी तरह निगम द्वारा खुद संचालित होटलों व टूरिस्ट कांप्लेक्सों में उपलब्ध कमरों का 21 से 35 फीसदी तथा कुल बेड का 10 से 18 फीसदी ही इस्तेमाल हुआ. यह राष्ट्रीय अौसत (2010-14) 60-62 फीसदी से काफी कम है. इन आंकड़ों से निगम के कुप्रबंधन का पता चलता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि निगम के पास अपने होटलों व टूरिस्ट कांप्लेक्स के कमरों के टैरिफ निर्धारण तथा इसके वर्तमान सेवाअों में सुधार की भी कोई नीति नहीं है. बाजार के प्रचलन के अनुसार एक निश्चित समय सीमा के बाद टैरिफ की समीक्षा भी नहीं की जाती. इसके अलावा टूरिस्ट सीजन के अनुसार टैरिफ में कोई अंतर नहीं किया जाता है. इन्हीं सब कारणों से हालत एेसी है. एजी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि निजी होटल संचालकों से कठिन प्रतियोगिता के आलोक में मूलभूत सुविधाअों में विकास के साथ-साथ इन होटलों व टूरिस्ट कांप्लेक्सों का समाचार पत्रों व अन्य मीडिया में प्रचार-प्रसार भी जरूरी है.
2002 में हुआ था पर्यटन विकास निगम का गठन
झारखंड पर्यटन विकास निगम का गठन मार्च 2002 में किया गया था. इसका उद्देश्य टूरिस्ट प्लेस का विकास, पर्यटन गृहों की स्थापना तथा होटलों, मोटलों व रिसॉट की स्थापना तथा इनके विकास सहित पर्यटन को प्रोत्साहित करना है. निगम छह होटलों तथा तीन टूरिस्ट कांप्लेक्स का संचालन व प्रबंधन स्वयं करता है. इसके अलावा दो होटल, चार टूरिस्ट कांप्लेक्स, दो टूरिस्ट कॉटेज व एक रज्जुमार्ग को लीज पर दिया गया है. पर्यटन संबंधी जानकारी के लिए निगम ने रेलवे स्टेशन व अन्य जगह पर्यटक सूचना केंद्र खोले हैं. इनमें से कई अक्सर बंद रहते हैं.
इतने पर्यटक अाये
वित्तीय वर्ष घरेलू विदेशी
2010-11 6822881 9110
2011-12 14580387 87521
2012-13 21626754 121960
2013-14 32477676 133664
2014-15 33427144 154731
कुल 108934842 506986
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement