रांची: बिरसा श्रमिक सहयोग समिति ने बालू घाटों का जिम्मा ग्राम सभा को दिये जाने के सरकार के फैसले का विरोध किया है. समिति के सचिव अमित कच्छप ने कहा है कि बालू घाटों की नीलामी नहीं करने का फैसला स्वागतयोग्य है, पर ग्रामसभा को बालू का अधिकार देना भविष्य में विवाद का कारण बन सकता है.
सरकार के इस फैसले से मुखिया का वर्चस्व बढ़ेगा. ग्रामीणों के बीच सौहार्दपूर्ण रिश्ते समाप्त हो सकते हैं.
समिति ने इसे लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बालू घाटों का जिम्मा झारखंड सहकारी महासंघ के अंतर्गत आनेवाले सहयोग समितियों को देने की बात कही है.