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किसानों के खाते में जायेगा सूखा राहत का पैसा

रांची : सूखा राहत का पैसा अब सीधे किसानों के खाते में भेजा जायेगा. इसके लिए जिलों को राशि भेजी जा रही है. राज्य सरकार ने सभी जिलों को प्रभावित किसानों का सर्वे करने का निर्देश दिया है.जमशदेपुर और खूंटी जिला प्रशासन ने प्रभावित किसानों की सूची राज्य सरकार को उपलब्ध करा दी है. इसका […]

रांची : सूखा राहत का पैसा अब सीधे किसानों के खाते में भेजा जायेगा. इसके लिए जिलों को राशि भेजी जा रही है. राज्य सरकार ने सभी जिलों को प्रभावित किसानों का सर्वे करने का निर्देश दिया है.जमशदेपुर और खूंटी जिला प्रशासन ने प्रभावित किसानों की सूची राज्य सरकार को उपलब्ध करा दी है. इसका आवंटन भी दोनों जिलों को कर दिया गया है.
सरकार ने निर्देश दिया है कि किसी भी किसानों को एक हजार रुपये से कम राहत राशि नहीं दी जानी है. जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा नहीं थी, उन किसानों को राहत के रूप में 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से भुगतान होना है. जिनके पास सिंचाई की सुविधा थी, उन्हें 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर भुगतान किया जायेगा. भारत सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी ने राज्य में खरीफ मौसम में सूखा के मद्देनजर राहत पैकेज में 336.94 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. राज्य सरकार ने 2141 करोड़ रुपये की मांग केंद्र सरकार से की थी. 336.94 करोड़ में से 15 करोड़ रुपये जल संकट दूर करने के लिए तथा 50 करोड़ रुपये से पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी है.
पहली बार किसानों को मिलेगा मुआवजा : राज्य गठन के 15 साल में 10 साल सूखा पड़ा है. कई बार केंद्र की टीमें यहां सूखे का आकलन करने आयी थी़ं गयी थी. पहली बार 2015 में खरीफ मौसम में पड़े सूखे से पीड़ित किसानों को राहत दी जा रही है. केंद्र सरकार की टीम ने झारखंड दौरे के दौरान ही राज्य की स्थिति ठीक नहीं होने की बात कही थी.
पेयजल संकट दूर करने के लिए 50 करोड़ आवंटित
राज्य सरकार ने सूखे के कारण पेयजल संकट वाले जिलों के लिए 50 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया है. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के पास करीब 28 हजार चापानल खराब होने की सूचना है. इसके लिए 112 करोड़ रुपये की मांग की गयी है. इसमें 50 करोड़ रुपये दे दी गयी है.
सात लाख किसानों के बीच बंटना है मुआवजा
राज्य में करीब सात लाख किसानों के बीच मुआवजा का वितरण किया जाना है. राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इसके लिए पैसे की कमी नहीं है. राज्य आपदा राहत कोष की राशि का भी उपयोग किसानों को राहत देने के लिए किया जायेगा. पूर्व में भारत सरकार ने इसकी निकासी पर रोक लगायी थी. इसे हटा लिया गया है.
प्रखंडों से नहीं भेजे जा रहे फसल मुआवजे के आवेदन
रांची. रांची जिले के प्रखंडों से फसल मुआवजे से संबंधित आवेदन नहीं आ रहे हैं. सुखाड़ से प्रभावित कृषकों की फसल का आकलन कर रिपोर्ट तैयार कर जिला मुख्यालय को भेजना था. इसके लिए जिला आपदा की ओर से कई बार पत्र भी लिखा गया. डीसी मनोज कुमार ने 18 फरवरी को पत्र लिख कर सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि चार दिन के अंदर फसल क्षतिपूर्ति का आकलन कर मुआवजे से संबंधित रिपोर्ट भेजें. इस संबंध में अपर समाहर्ता ने भी नौ जनवरी को सभी बीडीओ व सीओ को पत्र लिख कर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी थी.अब तक सिर्फ बेड़ो व ईटकी प्रखंड से ही रिपोर्ट मिली है. दोनों की रिपोर्ट में फसल क्षतिपूर्ति शून्य बतायी गयी है. प्रखंडों से रिपोर्ट नहीं मिलने से जिला आपदा कार्यालय को जिले की रिपोर्ट तैयार करने में परेशानी हो रही है. कृषि विभाग के निर्देश पर ही रिपोर्ट की मांग की गयी है.
रिपोर्ट में क्या देना है : रिपोर्ट में गांव का नाम, किसान का नाम, फसल का नाम, फसल क्षतिपूर्ति का प्रतिशत, लाभुक के बैंक का नाम, बैंक खाता संख्या व आइएफसी कोड देना है.

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