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रिम्स में स्पेशलाइज्ड ओपीडी दूसरी पाली में

रांची : रिम्स में स्पेशलाइज्ड ओपीडी दूसरी पाली में संचालित की जायेगी़ रिम्स प्रबंधन इंडोक्रिनोलॉजी की विशेष ओपीडी शुरू करना चाहता है़ ओपीडी शुरू करने के लिए बुधवार को रिम्स निदेशक डाॅ बीएल शेरवाल ने मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डाॅ आरके झा के साथ विचार-विमर्श किया़ निदेशक ने कहा कि ओपीडी काे एक दिन छोड़ कर […]

रांची : रिम्स में स्पेशलाइज्ड ओपीडी दूसरी पाली में संचालित की जायेगी़ रिम्स प्रबंधन इंडोक्रिनोलॉजी की विशेष ओपीडी शुरू करना चाहता है़ ओपीडी शुरू करने के लिए बुधवार को रिम्स निदेशक डाॅ बीएल शेरवाल ने मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डाॅ आरके झा के साथ विचार-विमर्श किया़
निदेशक ने कहा कि ओपीडी काे एक दिन छोड़ कर रखा जाये, जिससे मरीज जांच रिपोर्ट के साथ अगले दिन आ सके़ स्पेशलाइज्ड ओपीडी शुरू होने से डायबिटीज, थायराइड व हार्मोन के मरीजों को लाभ मिलेगा़ निदेशक डॉ बीएल शेरवाल ने डॉ झा को शीघ्र ओपीडी के लिए रोस्टर तैयार करने का निर्देश दिया है़
एजी चेंबर में आते हैं…माफी मांगते हैं…क्याें दें माफी : काेर्ट
मामला याचिकाकर्ता प्रह्लाद प्रसाद साहू हत्याकांड की जांच की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का
रांची : हाइकोर्ट ने बुधवार को टोरी-चंदवा क्षेत्र में कोयला से हो रहे प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दाैरान याचिकाकर्ता प्रह्लाद प्रसाद साहू हत्याकांड की जांच रिपोर्ट एसपी द्वारा प्रस्तुत नहीं करने को गंभीरता से लिया. एसपी के बदले डीएसपी के जवाब दाखिल करने पर महाधिवक्ता (एजी), अपर महाधिवक्ता (एएजी) व उनके कार्यालय को फटकार लगायी.
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि जब एसपी को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया गया था, तो डीएसपी ने क्यों जवाब दाखिल किया. महाधिवक्ता कार्यालय ने डीएसपी के शपथ पत्र को क्यों प्राप्त किया.
महाधिवक्ता ने उसे स्वीकार ही क्यों किया. कूड़े में क्यों नहीं फेंक दिया. कोर्ट के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ. खंडपीठ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि एसपी एयरकंडिशन में बैठने के लिए है, या मंत्री-विधायक के लिए, या आम जनता के लिए. उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया गया. सुनवाई के 48 घंटे के पहले शपथ पत्र दायर कर देना है, उस अवधि में शपथ पत्र क्यों दाखिल नहीं हुआ.
खंडपीठ ने महाधिवक्ता को देखते हुए यह भी कहा कि शाम में चार बजे चेंबर में आते है. माफी मांगते है. क्यों माफी दें? अब तो महाधिवक्ता कार्यालय आदेश की नि:शुल्क प्रति लेने लायक भी नहीं रह गया है. पैसे खर्च कर आदेश की प्रति ले जायें.
कोल माफियाअों से सांठगांठ बरदाश्त नहीं
खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि सरकार के अधिकारी कोल माफियाअों को को-आॅपरेट करेंगे, तो बरदाश्त नहीं किया जायेगा. ऐसी छवि न बने कि अधिकारियों के तार कोल माफियाअों से जुड़े हुए है. कोयला तस्करी सांठगांठ के बिना संभव नहीं है. झारखंड के प्राकृतिक संसाधन को बरबाद होने नहीं दे सकते. राज्य सरकार को अपने संसाधन की रक्षा करनी चाहिए.
पानी पी कर चीफ जस्टिस ने गुस्सा शांत किया : चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह ने कहा कि झारखंड हाइकोर्ट में 16 माह के कार्यकाल में अदालत में दूसरी बार उन्होंने पानी पी है. एक बार दवाई लेने के लिए आैर दूसरी बार आज अपना गुस्सा शांत करने के लिए पी है.
क्या है मामला
याचिकाकर्ता जन कल्याण समिति के संयोजक प्रह्लाद प्रसाद साहू की हत्या 15 जून 2015 को हुई थी. प्रदूषण बोर्ड से बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनअोसी) लिये ही टोरी-चंदवा क्षेत्र में कोयला का उत्खनन किया जा रहा था. इससे क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ रहा था.
याचिकाकर्ता ने इसके खिलाफ फरवरी 2015 में याचिका दायर की थी आैर झारखंड स्टेट प्रदूषण बोर्ड व रेलवे को भी लिखित शिकायत की थी. बोर्ड ने मामले की जांच की थी. जांच में आरोप सही पाये जाने के बाद बोर्ड ने चार जून को एनअोसी के लिए दिया गया आवेदन रद्द कर दिया तथा माइनिंग कार्य को बंद करने का आदेश जारी किया. इसके बाद प्रार्थी की हत्या हो गयी. लातेहार पुलिस हत्याकांड की जांच कर रही है.

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