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1841 करोड़ का अनुपूरक बजट पास

रांची: झारखंड विधानसभा ने गुरुवार को सरकार की ओर से चालू वित्तीय वर्ष के लिए पेश किये गये 1841 करोड़ रुपये के तृतीय अनुपूरक बजट सर्वसम्मति से पारित कर दिया है. विधायक प्रकाश राम ने अनुपूरक बजट पर कटौती का प्रस्ताव दिया था. संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद […]

रांची: झारखंड विधानसभा ने गुरुवार को सरकार की ओर से चालू वित्तीय वर्ष के लिए पेश किये गये 1841 करोड़ रुपये के तृतीय अनुपूरक बजट सर्वसम्मति से पारित कर दिया है. विधायक प्रकाश राम ने अनुपूरक बजट पर कटौती का प्रस्ताव दिया था. संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब दिया.

उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट सरकारी जरूरतों और संविधान के अनुरूप है. अनुपूरक बजट में बड़ी राशि पुनर्वियोग की है. संविधान में अनुपूरक बजट लाने का प्रावधान है. सरकार अपनी जरूरतों के आधार पर विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश करती है. पहले की सरकार ने भी ऐसा किया है.
विपक्ष : आया कटौती प्रस्ताव, कहा : इस अनुपूरक बजट का कोई औचित्य नहीं
विधायक प्रकाश राम ने अनुपूरक बजट पर कटौती प्रस्ताव लाते हुए कहा कि सरकार वार्षिक बजट की राशि खर्च नहीं कर पायी है. एेसे में अनुपूरक बजट लाने का कोई औचित्य नहीं है. अब तक सरकार ने जल नीति नहीं बनायी है. लातेहार में 90 डेड एसेट पड़े हुए हैं. इस पर सरकार गंभीर नहीं है. श्री राम ने लातेहार के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अर्जुन राम, आफताब आलम पर गबन का आरोप लगाते हुए सरकार से इसकी जांच कराने की मांग की. विधायक राज कुमार यादव ने कहा कि जब तक लोगों तक विकास नहीं पहुंचे, तब तक अच्छे बजट का कोई औचित्य नहीं है. अब तक किसानों को सूखा राहत की राशि नहीं मिल पायी है. धायक कुणाल षाड़गी ने कहा कि अगर कोई मुख्य परीक्षा में फेल हो जाता है, तो सप्लीमेंटरी देता है. सरकार का अनुपूरक बजट वित्तीय कुप्रबंधन की मिसाल है. विधायक आलमगीर अालम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी, कि छह माह में 50 प्रतिशत राशि खर्च हो जायेगी. वित्तीय वर्ष के नौ माह बीत चुके हैं, लेकिन सिर्फ 50 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पायी है. विधायक योगेंद्र महतो ने कहा कि कई जिलों में धान क्रय केंद्र नहीं खुला है. किसानों का राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है. विधायक शिवपूजन मेहता व जगरनाथ महतो ने भी अनुपूरक बजट का विरोध किया.
सत्ता पक्ष : विकास के लिए जरूरी है अनुपूरक बजट
विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि विकास के लिए अनुपूरक बजट जरूरी है. सरकार ने किसानों की जरूरतों को ध्यान में रख कर राशि मांगी है. अब तक 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है. स्वच्छ भारत अभियान को लेकर ठोस कदम उठाये जा रहे हैं. विधायक केदार हाजरा ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारा गया है. चापानल की मरम्मत और किसानों को राहत पहुंचाने के लिए अनुपूरक बजट जरूरी है. उन्होंने कस्तूरबा विद्यालयों में बिजली देने की मांग की. विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा कि सरकार की ओर से शुरू किये गये काम को धरातल पर उतराने के लिए अनुपूरक बजट लाना सही कदम है. सत्ता पक्ष की ओर से विधायक जीतू चरण राम और रामचंद्र सहिस ने भी अनुपूरक बजट लाने को सही ठहराया.
जनवरी तक बजट की 58 प्रतिशत राशि खर्च
श्री राय ने कहा कि झारखंड की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है. जनवरी तक सरकार बजट की 58 प्रतिशत राशि खर्च कर चुकी है. पिछले वर्ष इस अवधि में सिर्फ 45 प्रतिशत ही राशि खर्च हो पायी थी. अनुपूरक बजट में सूखा राहत के लिए 457 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इससे किसानों को 38 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से राशि का भुगतान किया जायेगा. वित्तीय वर्ष 2015-16 में सकल घरेलू उत्पाद बढ़ कर 8.83 प्रतिशत हो गया है. यह वित्तीय वर्ष 2012-13 में 7.4 प्रतिशत था. उद्योग को छोड़ कर अन्य क्षेत्रों में भी विकास की दर अच्छी है. झारखंड में आय के स्रोत भी बढ़े हैं.
आइपीआरडी के लिए राशि का प्रावधान
अनुपूरक बजट में आइपीआरडी के लिए राशि का प्रावधान किया गया है. इस राशि का उपयोग सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देने और सामाजिक बुराइयों के बारे में लोगों को अवगत कराने में किया जायेगा. श्री राय ने बताया कि धान क्रय के लिए राज्य में 397 धान क्रय केंद्र खोले गये हैं. 93 हजार 57 करोड़ टन धान की खरीद की गयी है. किसानों को 64 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने इंडिया टुडे के सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में झारखंड को तीसरा स्थान मिला है. इससे पहले झारखंड 18 वें स्थान पर था.

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