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जाति-आवासीय प्रमाण पत्र में अब नहीं देना होगा एफिडेविट

146 सेवाओं में शपथ पत्र की बाध्यता समाप्त रांची : जाति और आवासीय प्रमाण पत्रों के लिए अब एफिडेविट देने की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है. अब आम लोगों को सिर्फ स्वघोषित शपथ पत्र ही देना होगा. राज्य सरकार ने 146 लोक प्रदायी सेवाओं में एफिडेविट की बाध्यता समाप्त कर दी है. केवल 30 […]

146 सेवाओं में शपथ पत्र की बाध्यता समाप्त
रांची : जाति और आवासीय प्रमाण पत्रों के लिए अब एफिडेविट देने की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है. अब आम लोगों को सिर्फ स्वघोषित शपथ पत्र ही देना होगा. राज्य सरकार ने 146 लोक प्रदायी सेवाओं में एफिडेविट की बाध्यता समाप्त कर दी है. केवल 30 लोक प्रदायी सेवाओं में एफिडेविट अनिवार्य किया गया है. इसमें जन्म और मृत्य प्रमाण पत्र के लिए एफिडेविट देना होगा.
कार्मिक विभाग द्वारा जारी संकल्प में कहा गया है कि शपथ पत्र या एफिडेविट नोटरी पब्लिक अथवा कार्यपालक दंडाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी होता है. यह प्रक्रिया औपनिवेशिक काल की विरासत है, जो शपथ करने वाले नागरिकों का सत्यापन करती है. मात्र इस सत्यापन के लिए नागरिकों को न केवल आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है बल्कि उनके बहुमूल्य समय की बर्बादी होती है और मानसिक व शारीरिक परेशानी भी होती है.
शपथ पत्र देने में लोगों को क्या होती है परेशानी
शपथ पत्र बनवाने के लिए छुट्टी लेकर कचहरी जाना पड़ता है. नोटरी से इसे बनवाना होता है. बनवाने में एक सौ से सवा सौ रुपये तक खर्च होते हैं. कई नि:शुल्क सेवाओं में शपथ देने की बाध्यता की वजह से सौ रुपये से लेकर सवा सौ रुपये तक खर्च होते हैं. लोगों को अनावश्यक परेशानी उठानी पड़ती है.
स्वघोषित शपथ पत्र देना ही होगा अब काफी
इन सेवाओं में शपथ पत्र की बाध्यता हटायी गयी
समाहरणालय : उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र, आश्रित प्रमाण पत्र, स्वतंत्रता सेनानी प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र (मीडिया से संबंधित), भविष्य निधि अग्रिम, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, अनुकंपा नियुक्ति, नये राशन कार्ड के लिए आवेदन, राशन कार्ड में नाम संशोधन, ग्रामीण क्षेत्र प्रमाण पत्र, कृषि से आय प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण (हिंदू विवाह अधिनियम) में स्व अभिप्रमाणित प्रमाण पत्र देना होगा.
कृषि विभाग : उर्वरक, कीटनाशी, बीज व खाद दुकान.
श्रम विभाग : दुकान एवं प्रतिष्ठान का निबंधन, कारखाना अधिनियम के तहत लाइसेंस का नवीकरण समेत अन्य एक दर्जन से अधिक प्रावधानों में.
नगर विकास : शहरी क्षेत्र में आवासीय भवन का नक्शा, कॉमर्शियल भवन का नक्शा, अपार्टमेंट, वाटर कनेक्शन, होटल, रेस्टूरेंट आदि के लाइसेंस में, शहरी क्षेत्र में होल्डिंग निर्धारण हेतु आवेदन में.
सामाजिक सुरक्षा विभाग : वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेशन में एफिडेविट नहीं देना होगा, पर स्वघोषित शपथ पत्र देना होगा.
स्वास्थ्य विभाग : पोस्टमार्टम रिपोर्ट निर्गत करने में, दवा दुकान की लाइसेंस में स्वघोषित शपत पत्र देना होगा.
परिवहन विभाग : ड्राइविंग लाइसेंस, वाहनों के रजिस्ट्रेशन के नवीकरण, एनओसी, पेट्रोल पंप के लाइसेंस, दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के जांच प्रतिवेदन, वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के द्वितीय प्रति में, प्रदूषण के कागजात.
कार्मिक विभाग : जाति प्रमाण पत्र व आवासीय प्रमाण पत्र.
ऊर्जा विभाग : चार किलोवाट के सिंगल फेज बिजली कनेक्शन में, एलटी सेवा तीन फेज में 30 किलोवाट से ऊपर, एचटी सेवा के कनेक्शन मे समेत अन्य कनेक्शन संबंधी सेवाओं में स्व अभिप्रमाणित प्रति देनी है.
इनमें शपथ पत्र देना होगा
नगर विकास विभाग : जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र
वाणिज्य कर विभाग : वैट रजिस्ट्रेशन सेंसेटिव व नन सेंसेटिव गुड्स, वैट रिफंड, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, होटल लक्जरी टैक्स, इंटरटेनमेंट टैक्स, एडवर्टिजमेंट टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, प्रोफेशनल टैक्स.
भवन निर्माण : संवेदक निबंधन, निविदा में.
सामाजिक सुरक्षा : राष्ट्रीय परिवार हित लाभ योजना.
खाद्य आपूर्ति : जनवितरण प्रणाली के तहत दुकानों का लाइसेंस.
खान विभाग : ईंट भट्ठा के लाइसेंस, क्रशर का लाइसेंस़
समाहरणालय : जन्म व मृत्यु का विलंब से पंजीकरण, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र में संशोधन.
राजस्व विभाग : दाखिल-खारिज, भूमि के पोजेशन, आय प्रमाण पत्र.

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