रांची: एटूजेड को टर्मिनेशन का आदेश जारी करने के साथ ही नगर निगम ने अब शहर के सूचीबद्ध एनजीओ को कार्य सौंपने का निर्णय ले लिया है. मंगलवार को नगर निगम के सीइओ दीपांकर पंडा ने शहर के सफाई के लिए सूचीबद्ध आठ एनजीओ के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें श्री पंडा ने कहा कि जिन एनजीओ को शहर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा दिया गया है, वे यह मान लें कि निगम ने काम दिया है, तो उसे बखूबी करके दिखाना है.
काम में लापरवाही पाये जाने पर संबंधित एनजीओ को नोटिस जारी किया जायेगा. तीन बार नोटिस के बाद भी अगर सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो ऐसे एनजीओ को काली सूची में डालते हुए संचालक के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करायी जायेगी. बैठक में निगम के डिप्टी सीइओ शैलेंद्र कुमार लाल सहित निगम में सूचीबद्ध एनजीओ क्रियेटिव इंटरनेशनल, नवभारत जागृति केंद्र, मंथन युवा संस्थान, ग्रामीण महिला समिति, चल फाउंडेशन, क्लीन झारखंड, हेरिटेज सोसाइटी व पूर्णिमा के अधिकारी शामिल थे. श्री पंडा ने कहा कि 12 दिसंबर को ओपेन टेंडर के माध्यम से सूचीबद्ध एनजीओ के बीच कार्यो का बंटवारा किया जायेगा.
दिखाना होगा काम
श्री पंडा ने कहा कि निगम प्रथम चरण में सभी एनजीओ के कार्य का तीन माह तक आकलन करेगा. तीन माह के अंदर अगर किसी एनजीओ की सफाई व्यवस्था में लापरवाही पायी गयी, तो ऐसे एनजीओ को टर्मिनेट किया जायेगा. टर्मिनेट किये एनजीओ के स्थान पर उस एनजीओ को कार्य सौंपा जायेगा, जो शहर की सफाई बेहतर कर रही होगी.
.तो एक दिन का जुर्माना
श्री पंडा ने कहा कि जिन एनजीओ को सफाई व्यवस्था की जिम्मेवारी दी जायेगी, उससे संबंधित वार्ड में काम करनेवाले मजदूरों की सूची भी ली जायेगी. निगम उस वार्ड का निरीक्षण किसी भी समय करेगा. इस दौरान अगर कम मजदूर पाये गये, तो एनजीओ को तय की गयी राशि में से एक दिन का वेतन काट लिया जायेगा. वहीं किसी मोहल्ले की एक दिन सफाई नहीं होने से संबंधित एनजीओ पर 500 रुपये जुर्माना लगाया जायेगा.