प्रबंधन का मानना है कि नेत्र विभाग की यूनिट ज्यादा बड़ी है, इसलिए इसको छोटा किया जा सकता है. गौरतलब है कि वर्तमान में मनोचिकित्सक मरीजों को किसी भी विभाग में भरती कर इलाज करते हैं.
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मनोचिकित्सा विभाग को मिली यूनिट
रांची: मनोचिकित्सक मरीजों के लिए रिम्स में अब अलग यूनिट बनायी गयी है. मरीजों का इलाज अब इसी यूनिट में होगा. मनोचिकित्सा विभाग की यह यूनिट नेत्र विभाग के फ्लोर पर चलेगी. नेत्र विभाग की एक यूनिट से 18 बेड को इसके लिए अलग कर दिया गया है. प्रबंधन का मानना है कि नेत्र विभाग […]
रांची: मनोचिकित्सक मरीजों के लिए रिम्स में अब अलग यूनिट बनायी गयी है. मरीजों का इलाज अब इसी यूनिट में होगा. मनोचिकित्सा विभाग की यह यूनिट नेत्र विभाग के फ्लोर पर चलेगी. नेत्र विभाग की एक यूनिट से 18 बेड को इसके लिए अलग कर दिया गया है.
एमसीआइ ने जतायी थी आपत्ति : एमसीआइ टीम ने पूर्व के निरीक्षण में रिम्स मनोचिकित्सा विभाग का विंग नहीं होने पर आपत्ति जतायी थी. रिम्स प्रबंधन को सख्त निर्देश दिया गया था कि मनोचिकित्सा का अलग से विंग बनाया जाये. सत्र 2016 के लिए एमसीआइ के निरीक्षण से पूर्व प्रबंधन ने इस आपत्ति को दूर कर लिया है.
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