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पानी का संरक्षण समय की जरूरत : कुलपति
केंद्रीय विश्व विद्यालय में वाटर एंड सस्टनेबल डेवलपमेंट को लेकर दो दिवसीय कांफ्रेंस शुरू मांडर. ब्राम्बे स्थित केंद्रीय विश्व विद्यालय में शुक्रवार को वाटर एंड सस्टेनबल डेवलपमेंट को लेकर दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेस की शुरुआत की गयी. कांफ्रेंस की शुरुआत कुलपति डॉ नंद कुमार यादव इंदु ने आगत अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित कर की. […]
केंद्रीय विश्व विद्यालय में वाटर एंड सस्टनेबल डेवलपमेंट को लेकर दो दिवसीय कांफ्रेंस शुरू
मांडर. ब्राम्बे स्थित केंद्रीय विश्व विद्यालय में शुक्रवार को वाटर एंड सस्टेनबल डेवलपमेंट को लेकर दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेस की शुरुआत की गयी. कांफ्रेंस की शुरुआत कुलपति डॉ नंद कुमार यादव इंदु ने आगत अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित कर की. उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पानी का संरक्षण समय की जरूरत है. समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आनेवाले 20 सालों में भारत की दो तिहाई आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
आइआइटी कानपुर के पूर्व प्रो के सुब्रह्मण्यम ने कहा कि जीवन के मूलभूत साधनों में से पानी के साथ कई प्रकार की समस्याएं आ गयी हैं. लोग इसके विकास के ऊपर ध्यान से नहीं दे रहे हैं.
हमें भूमिगत जल के विषय में गंभीरता से सोचना होगा, तभी हम पानी की समस्याओं का कोई समाधान निकाल पाने में सफल होंगे. कांफ्रेंस में लंदन के एसओएस यूनिवर्सिटी के प्रो फिलिप क्लेट ने कहा कि हमारे पास उपलब्ध संसाधनों में से पानी महत्वपूर्ण है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के कारण वाटर साइकल बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
कार्यक्रम का संचालन प्रतिभा व धन्यवाद ज्ञापन सीयूजे के वीके त्रिपाठी ने किया. मौके पर केन्द्रीय विवि के शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे. केंद्रीय विवि के वाटर इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट सेंटर की ओर से आयोजित इस कांफ्रेंस को भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से सहयोग मिला है.
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