रांची: राज्य के लगभग सभी सदर अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले गये हैं. यहां मरीजों को ब्रांडेड दवाओं की तुलना में कई गुना सस्ती जेनरिक दवाएं उपलब्ध करायी जाती हैं. इधर, करीब 8-10 माह पहले खुले जन औषधि केंद्रों का हाल खस्ता हो चला है.
इसके मुख्य कारण हैं : दवाओं की कमी, डॉक्टरों द्वारा जेनरिक दवाएं नहीं लिखना व जन जागरूकता की कमी. केंद्रों पर करीब तीन सौ प्रकार की दवाएं मिलनी थीं, लेकिन अधिकतम 76 किस्म की दवाएं ही उपलब्ध हो सकी हैं. इस कारण पलामू का जन औषधि केंद्र लगभग बंद हो चुका है.
पलामू के सिविल सजर्न डॉ योगेंद्र महतो ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मांग के बावजूद स्टॉकिस्ट दवा उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. रोजाना के उपयोगवाली ब्लड प्रेशर की दवा लोसार्टन सहित ऐसी कई दवाएं शामिल हैं. उधर, सरायकेला, दुमका, देवघर, पाकुड़, रामगढ़ व धनबाद की जेनरिक दवा दुकानों की स्थिति भी ठीक नहीं है.