देवघर/रांची: मनरेगा आज तक मेरी समझ में नहीं आयी है. क्या काम होता है, क्या नहीं, यह हम-आप भी जानते हैं, अधिकारी तो जानते ही हैं. यहां के किसानों की हालत खराब है. किसान आसमान देख कर जी रहे हैं. इसलिए अब मनरेगा के तहत झारखंड में केनाल का जाल बिछेगा. इसे नदी के मुहाने से जोड़ा जायेगा. जहां नदी नहीं होगी, वहां डीप बोरिंग कर पानी केनाल के जरिये खेतों तक पहुंचाया जायेगा. सीएम हेमंत सोरेन ने सोमवार को देवघर जिले के सोनारायठाढ़ी प्रखंड में आयोजित आमसभा में यह कहा. उन्होंने यहां बाराटांड़-जरमुंडी स्थित झनकपुर नदी पर पुल का शिलान्यास किया. इस दौरान सीएम ने जहां सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी दी, वहीं योजनाओं की कलई खोली और मजबूरियां गिनायी.
श्री सोरेन ने कहा कि सरकार अब 65 वर्ष से ऊपर के वृद्धों को चाहे वे बीपीएल हों या एपीएल, वृद्धा पेंशन देगी. सरकार सभी पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार नहीं दे सकती. इसलिए शिक्षित युवा कृषि आधारित उद्योग में अपना कैरियर बनायें, क्योंकि खेती नहीं होगी, तो हमलोग खायेंगे क्या? अनुदान मिल रहा है. उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि लोन के लिए जो भी आवेदन आये, बैंक तक तमाम अड़चनों को दूर करें, ताकि युवा स्वरोजगार आसानी से कर सकें.
ट्रांसफर-पोस्टिंग व सस्पेंशन के आवेदन से तबाह हैं
सीएम ने कहा कि लोग पढ़-लिख कर सिर्फ नौकरी मांगने आते हैं. नौकरी मिल गयी, तो अच्छी जगह पोस्टिंग मांगते हैं. खराब काम करनेवाले सस्पेंड होते हैं, तो सस्पेंशन हटवाने के लिए परेशान करते हैं. वे ट्रांसफर-पोस्टिंग और सस्पेंशन तुड़वाने के आवेदनों से तबाह हैं, परेशान हैं.
आंदोलनकारियों, मनरेगाकर्मियों की समस्याएं दूर होंगी
श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को फायदा देने की प्रक्रिया सरकार ने शुरू कर दी है. 40 साल से अलबर्ट एक्का के पुत्र नौकरी के लिए भटक रहे थे, अंतत: मैंने उन्हें नौकरी दी. इसलिए प्रक्रिया शुरू की जाये. मनरेगाकर्मी, महिलाएं व आंदोलनकारियों को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है.