रांचीः विधायक पौलुस सुरीन ने कहा है कि आदिवासियों को एकजुट और संगठित होना होगा. उन्हें धर्म, जाति से ऊपर उठ कर राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरना होगा. झारखंड में सीएनटी, एसपीटी एक्ट व पेसा कानून सख्ती से लागू हो. आज जो भी नेता विधानसभा में हैं; वे झारखंड की भाषा, संस्कृति व मुद्दों को लेकर निष्क्रिय हैं. इन मुद्दों को विधानसभा में उठाने पर हमें मजाक का विषय बनाया जाता है.
पौलुस सुरीन रविवार को मुंडा सभा के वार्षिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. विशिष्ट अतिथि एसएसपी भीमसेन टूटी ने कहा कि मुंडाओं का गौरवशाली अतीत रहा है. पर हमें अब भविष्य की चुनौतियों पर ध्यान देना होगा. पूर्वजों ने हमें भूमि और समृद्ध संस्कृति सौंपी हैं. हमें भूमि का बेहतर इस्तेमाल करना होगा. खेतों में धान के अलावा दूसरे फसलों पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा, जिससे कि ज्यादा आमदनी हो. अगर हम खेती के तरीके को बदल सकें और मेहनत करें तो आदिवासी समाज की दशा बदल सकती है.
सुभाष मुंडा ने कहा कि मुंडा समाज को अपनी भाषा-संस्कृति संरक्षित करनी होगी. सिजरेन सुरीन ने कहा कि चाहे कितनी भी बुरी परिस्थिति हो, लेकिन अपने बच्चों को शिक्षा जरूर दें. तनूजा मुंडा ने दिल्ली व मुंबई में घरेलू काम कर रही आदिवासी लड़कियों की स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि समाज जागरूक हो, ताकि लड़कियों को पलायन रुके. बिलकन डांग, विमोला तोपनो ने भी विचार रखे.