Advertisement
जिप अध्यक्ष के लिए शुरू हो गयी जोड़-तोड़
रांची : राज्य में जिला परिषद अध्यक्ष बनने के लिए धन बल का खेल शुरू हो गया है. खेल केवल धन बल तक ही सीमित नहीं है,बल्कि जातीय समीकरण व प्रभाव भी इसमें पूरी तरह चलेगा. अभी नॉमिनेशन भी नहीं हुआ है, पर खेल आरंभ हो गया है. नॉमिनेशन के पहले ही सारी तैयारियां की […]
रांची : राज्य में जिला परिषद अध्यक्ष बनने के लिए धन बल का खेल शुरू हो गया है. खेल केवल धन बल तक ही सीमित नहीं है,बल्कि जातीय समीकरण व प्रभाव भी इसमें पूरी तरह चलेगा. अभी नॉमिनेशन भी नहीं हुआ है, पर खेल आरंभ हो गया है. नॉमिनेशन के पहले ही सारी तैयारियां की जा रही हैं. जिप सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए संबंधित पक्ष एड़ी-चोटी एक किये हुए हैं. सदस्यों को अॉफर दिये जा रहे हैं. कई जिलों में तो अॉफर 10 से 15 लाख तक पहुंचने की सूचना है. खबर ताे यह भी है कि मोटी रकम के साथ ही बलेरो या फिर सफारी/स्कार्पियो तक की डिमांड हो रही है. कुल मिला कर लगभग सारे जिले में ऐसा खेल शुरू हो गया है. राजनीतिक पार्टियां व उसके बड़े नेता इससे दूर नहीं हैं, बल्कि वे प्रत्यक्ष रूप से इसमें घुसे हुए हैं. वे अपने-अपने पार्टी से जुड़े जिप सदस्यों को विजयी बनाने में भीड़ गये हैं. वे अपने स्तर से सारा कुछ सेट कर रहे हैं.
कहीं-कहीं जातीय समीकरण भी पड़ेगा भारी , इस बार कहीं-कहीं सदस्यों को 15 लाख तक के अॉफर
रांची : चलेगा धन बल, बड़े हाथ की तलाश जिला में जिप अध्यक्ष के रूप में भाजपा की आरती कुजूर प्रबल दावेदार के रूप में सामने आ रही हैं. वह दूसरी बार जिप सदस्य बनी हैं. इधर आजसू से जुड़े लोगों ने भी कुछ सीट जीतने में सफलता हासिल की है. उसकी अोर से भी इस पद के लिए प्रत्याशी उतारने की तैयारी की जा रही है. कुल मिला कर रांची सीट के लिए अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. जिप सदस्य बनने के बाद अब सदस्य अपने आका की तलाश कर रहे हैं. एक बड़े हाथ की तलाश में हैं, जो उन्हें धन बल से मदद करे, फिर वह राजनीतिक दल हो या बड़ी हस्ती.
पलामू : उपाध्यक्ष की है लड़ाई, बड़े लोग हैं खेल में
यहां जिप अध्यक्ष के लिए महिला एससी का पद आरक्षित है. इस पद के लिए मारा-मारी नहीं दिख रही, पर यहां उपाध्यक्ष पद को लेकर संघर्ष है. उपाध्यक्ष पद सामान्य कोटि का है. इसे पाने के लिए पूर्व के उपाध्यक्ष विनोद सिंह, भाजपा किसान मोरचा के सच्चिदानंद सिंह (सत्या सिंह), व्यवसायी संजय सिंह व राजन मेहता की पत्नी गीता देवी मैदान पर आ सकते हैं. गीता देवी को जेवीएम का समर्थन हो सकता है. यहां जिप सदस्य की कुल 36 सीटें हैं. इन सीटों पर सारे बड़े लोगों की नजर है. कुल मिला कर यहां जीत का आधार धन बल ही होगा, ऐसा माना जा रहा है. अॉफर शुरू हो गया है. बार्गेनिंग भी हो रही है.
रामगढ़ : एकतरफा हो गया है खेल
रामगढ़ में सारा खेल वन साइडेड हो गया है. यहां आजसू समर्थित 11 सदस्य जीते हैं. शेष चार सीटों पर दूसरों की जीत हुई है. बताया जाता है कि मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के पाले में सारा खेल है. वह जिसे उम्मीदवार बनायेंगे, वही जीतेगा. फिलहाल वहां नरेश महतो, ब्रह्मदेव महतो व गौपाल चौधरी के नाम जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में सामने आ रहे हैं. चर्चा के मुताबिक, ये सारे मंत्री से नजदीकी हैं. कोई तो उनका रिश्तेदार भी है.
हजारीबाग : धन व शक्ति दोनों चल सकती है
हजारीबाग जिप अध्यक्ष पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित है. यहां अब तक बरकट्ठा विधायक जानकी यादव की पत्नी चंदन देवी, प्रियंका कुमारी व सुशीला देवी प्रमुख दावेदार के रूप में सामने आयी हैं. चंदन देवी ने पिछली बार भी जीत हासिल की थी. उनके पीछे जानकी यादव की ताकत है. वहीं आजसू नेता प्रदीप कुमार संपन्न व्यक्ति माने जाते हैं. कहा जा रहा है कि वह प्रियंका कुमारी को पूरा सहयोग कर रहे हैं, जबकि सुशीला देवी हाल ही में मारे गये गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव के शूटर लखन साव की पत्नी हैं. सभी अपने-अपने स्तर से जिप अध्यक्ष का पद पाने में लगे हैं. यहां कुल 32 जिप सदस्य हैं. खबर है कि यहां 10 से 15 लाख तक एक जिप सदस्य के लिए बोली लग रही है. यहां कुशवाहा जाति से जुड़े सात-आठ सदस्यों ने जीत हासिल की है. चर्चा है कि व्यवसायी बालेश्वर मेहता इन्हें एकजुट कर दावेदारी देने की तैयारी में लगे हैं.
गुमला : अपने-अपने स्तर से लगे हैं सभी
यहां पूर्व जिप अध्यक्ष सतवंती देवी फिर मैदान में होंगी. पिछली बार भी वह पद पर थीं. उनके पति अशोक उरांव प्रभाव वाले हैं. ऐसे में वह मजबूत नजर आ रही हैं. वहीं कांग्रेस से जुड़े टेंगू उराव भी अपनी दावेदारी पेश करेंगे. वह पहले मुखिया थे. टेंगू उरांव एमसीसी के कमांडर थे. बाद में सरेंडर करके मुख्य धारा में आये हैं. प्रशांत खलखो, चैती उरांव भी मैदान में हैं. यहां कुल 19 जिप सदस्य हैं. नतीजन 10 से 15 लाख रुपये एक-एक जिप सदस्य पर लग सकता है.
लोहरदगा : फीका है इस बार
लोहरदगा जिप अध्यक्ष का पद पाने का दृश्य इस बार बदला हुआ है. इस बार सब कुछ फीका नजर आ रहा है. धन बल भी नहीं दिख रहा है. इस बार पूर्व जिप उपाध्यक्ष मनीर उरांव की पत्नी रानी देवी मैदान में उतर सकती हैं. मनीर उराव भाजपा नेता हैं. वह संपन्न हैं. वहीं कैरो प्रखंड से जीत हासिल करनेवाली पूनम मिंज दूसरी बार जीती हैं. वह झामुमो के जिलाध्यक्ष सुखदेव उरांव की पत्नी हैं. यहां कुल आठ सीट हैं. इसी में हार-जीत का फैसला होगा. पिछली बार कई बड़े लोग पीछे से काम कर रहे थे.
कोडरमा : करोड़ों हो सकते हैं खर्च
इस बार डोमचांच की पूर्व प्रमुख शालिनी गुप्ता जिप सदस्य बन कर अध्यक्ष की रेस में उतरने को तैयार हैं. उन्हें अनुभवी व जानकार माना जा रहा है. आर्थिक रूप से संपन्न भी हैं. चंदवारा से अमृता सिंह ने जीत हासिल की है. इनके परिवार का यहां वर्चस्व रहा है. आर्थिक रूप से संपन्न भी हैं. चर्चा है कि उन्हें पूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी का पूरा सहयोग भी मिल रहा है. वह चाहती हैं कि अमृता सिंह जीत हासिल करे. इनके अलावा आजसू नेता श्रीकांत यादव की पत्नी निर्मला देवी व कांग्रेस नेता सुरेश यादव की पत्नी अनीता यादव भी मैदान में उतर सकती हैं. ऐसे में करोड़ों का खेल हो सकता है. अभी से ही एक-एक जिप सदस्य की बोली 15 लाख से ऊपर जा रही है. यहां जिप सदस्य के कुल 12 पद हैं.
गढ़वा : मजबूत दावेदारी होगी इस बार
जिला परिषद अध्यक्ष का पद एससी के लिए आरक्षित है. यहां मैदान में पूर्व सांसद घूरन राम के पुत्र विकास कुमार व पूर्व विधायक हीरा लाल तूफानी के पुत्र अरविंद कुमार होंगे. चर्चा है कि विकास को वहां के विधायक सत्येंद्र तिवारी का समर्थन प्राप्त था, तभी उन्हें जीत हासिल हुई है. अब विकास को जिप अध्यक्ष बनाने की तैयारी हो रही है. अरविंद युवा कांग्रेस से जुड़े हैं. चर्चा के मुताबिक , ठेकेदार बुल्लू पांडेय ने अपने हलुवाई हसन रजवार को काजी से चुनाव लड़वाया था. उन्हें जीत हासिल हुई है. अब वह भी उन्हें जिप अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर रहे हैं. कहते हैं वह इसके लिए दम-खम सब लगा देंगे. ऐसे में यह चुनाव दिलचस्प हो जायेगा. जिप सदस्यों को कई अॉफर दिये जा रहे हैं.
चतरा : दो ही हो सकते हैं मैदान में
यहां से दो ही प्रत्याशी अध्यक्ष के पद के लिए मैदान में हो सकते हैं. ममता देवी पहले भी अध्यक्ष थीं. इस बार भी वह अध्यक्ष के पद के लिए खड़ी हैं. वह जेवीएम से जुड़ी हैं. उनका अपना अलग प्रभाव है. भाजपा से संबंध रखनेवाली निशा भी मैदान में उतर सकती हैं. वह पहले चतरा से प्रमुख थीं. ऐसे में यहां के संघर्ष को कड़ा नहीं माना जा रहा है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement