जबकि, इन बच्चों का नवोदय विद्यालय में प्रवेश परीक्षा के बाद दाखिला लिया गया था. बच्चों ने दो माह क्लास भी किया. यही नहीं, दीपशिक्षा स्कूल से जारी विद्यालय स्थानातंरण प्रमाण पत्र में प्रधानाध्यापक व जिला शिक्षा पदाधिकारी का हस्ताक्षर भी है. इसे लेकर बुधवार को बच्चे व उनके अभिभावक डीसी मनोज कुमार से मिलने पहुंचे. बच्चाें को निकाले जाने को लेकर अभिभावक भी काफी परेशान हैं. इनमें अधिकतर बच्चे हरिजन व आदिवासी हैं.
अभिभावकों ने बताया कि दीपशिखा स्कूल में लगभग 500 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इस स्कूल के और भी बच्चे नवोदय विद्यालय में पढ़ते हैं. छात्र दीपक राम ने कहा कि नवोदय विद्यालय में हमने दो माह क्लास भी किया. पढ़ाई अच्छी है. ड्रेस भी दिया गया है. अभी स्कूल नहीं जा रहा हूं. छात्रा मोनिका ने बताया कि स्कूल से कॉपी, किताबेें सब कुछ मिले हैं. लेकिन, अभी कुछ दिनों से स्कूल नहीं जा रही हूं. बड़े साहब से मिलने आयी हूं.