रांची : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इंजीनियर पारस के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में पहले से दर्ज केस की समीक्षा फिर से शुरू कर दी है. केस की समीक्षा का जिम्मा एसीबी के चीफ आइजी मुरारीलाल मीणा ने एसीबी के प्रभारी एसपी आलोक कुमार को सौंपा है.
इंजीनियर पारस के खिलाफ निगरानी थाने में वर्ष 2010 में कांड संख्या 40/2010 के अंतर्गत केस दर्ज हुआ था. अंतिम जांच के दौरान पारस के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले. इसी आधार पर उनके खिलाफ फाइनल रिपोर्ट संख्या 56/ 13 दिनांक 31 दिसंबर, 2013 को सौंपी जा चुकी है.
आइजी मुरारी लाल मीणा ने बताया कि इंजीनियर पारस के खिलाफ पहले से जो केस दर्ज था, उसे बंद कर पारस को क्लीन चिट दी जा चुकी है. समीक्षा के दौरान केस में नये तथ्य सामने आने पर न्यायालय से केस को फिर से रि-ओपेन करने की अनुशंसा की जायेगी. न्यायालय से निर्देश मिलने पर केस में फिर से विभिन्न बिंदुओं पर जांच शुरू होगी. आइजी के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग में तत्कालीन सहायक अभियंता पारस के खिलाफ पहले से एक-एक केस दर्ज था, जिसमें केस बंद कर अंतिम रिपोर्ट भेजी जा चुकी है.
उनके अनुसार केस बंद होने के बावजूद एक प्रारंभिक जांच चल रही थी, जिसमें विभिन्न बिंदुओं पर जांच बाकी थी. केस बंद होने की स्थिति में जांच में उन्हीं तथ्यों को समाहित करना होगा, जो केस में पहले से उल्लेख किया गया था. इसलिए पहले से दर्ज केस की समीक्षा शुरू की गयी है. बताया जाता है कि केस के पूर्व अनुसंधानक से एसीबी के आइजी ने यह पूछा: केस जब बंद हो चुका है, तब जांच कैसे जारी है. इस पर केस के अनुसंधानक कोई जवाब तक नहीं दे पाये.