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रॉक आर्ट का वैज्ञानिक अध्ययन जरूरी

रॉक आर्ट का वैज्ञानिक अध्ययन जरूरी रॉक आर्ट विषय पर सेमिनार, प्रो गिरिजा प्रसाद ने कहा फोटो विमल देव देंगेलाइफ रिपोर्टर @ रांचीकला की विभिन्न विधाअों में रॉर्क आर्ट का अलग स्थान है़ यह मानव जीवन के विकास की कहानी है़ इस कला में झारखंड में समृद्ध है. हालांकि इसके प्रति लोगों को जागरूक करना […]

रॉक आर्ट का वैज्ञानिक अध्ययन जरूरी रॉक आर्ट विषय पर सेमिनार, प्रो गिरिजा प्रसाद ने कहा फोटो विमल देव देंगेलाइफ रिपोर्टर @ रांचीकला की विभिन्न विधाअों में रॉर्क आर्ट का अलग स्थान है़ यह मानव जीवन के विकास की कहानी है़ इस कला में झारखंड में समृद्ध है. हालांकि इसके प्रति लोगों को जागरूक करना है़ रॉक आर्ट का सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक अध्ययन जरूरी है. इससे पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है. ये बातें रॉक सोसाइटी ऑफ इंडिया के जेनरल सेक्रेटरी प्रो गिरिराज प्रसाद ने कहीं. वह शुक्रवार को खेलगांव स्थित राज्य संग्रहालय सभागार में रॉक आर्ट विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के उदघाटन के मौके पर बोल रहे थे़ सेमिनार में रांची विवि के इतिहास विभाग के डॉ आइके चौधरी, रांची विवि के पूर्व इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो डॉ एचएस पांडेय, एचके नायक, डी भेंगरा, डॉ अमिताभ कुमार और एसडी सिंह हिस्सा ले रहे हैं. इस अवसर पर रॉक आर्ट सोसाइटी की प्रकाशित जर्नल ‘पुराकला‘ के 25वें अंक एवं राज्य संग्रहालय की विवरणिका का लोकर्पण किया गया़ प्रासंगिक है रॉक आर्ट का अध्ययन : प्राे एचएस पांडेयप्रो एचएस पांडेय ने कहा कि कला जीवन है, जीवन कला है़ रॉक ऑर्ट का अध्ययन प्रासंगिक है़ पत्थर बोलते हैं. निराकार को साकार करते हैं. अमूर्त को मूर्त करते हैं. सरकार एवं समुदाय की मदद से रॉक आर्ट के बनावट, रखाव और प्रचार प्रसार की बात पूरी की जा सकती है़ ………………………….जुटे देशभर के इतिहासकारपर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग व रॉक आर्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में देश भर के इतिहासकार जुटे हैं. सेमिनार 13 दिसंबर तक चलेगा़ इसमें झारखंड में रॉक आर्ट की स्थिति, उनके बचाव और जागरूकता पर चर्चा की जायेगी़ सेमिनार में बिहार, झारखंड, कर्नाटक, पंजाब, ओडि़शा, दिल्ली, आगरा, नागपुर, भोपाल व नोएडा से आये 350 से अधिक इतिहासकार व रिसर्च स्कॉलर हिस्सा ले रहे हैं. अध्यक्षता रांची विवि के इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ एचएस पांडेय कर रहे हैं.

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