रांची:: समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी के जनता दरबार में बुधवार को एक नि:शक्त व्यक्ति भी अाया था. मांडर के रहनेवाले तथा दोनों पैरों से लाचार लुईस मार्टिन मिंज ने बताया कि उसकी जिंदगी बैसाखी के सहारे चल रही है. उसे नहीं पता था कि सरकार ऐसे लोगों को ट्राइसाइकिल देती है. जानकारी मिलने पर वह गत एक वर्ष से प्रखंड का चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसे ट्रासाइकिल नहीं मिली. उसे विकलांगता पेंशन मिलती है, लेकिन बीच में चार-पांच माह की पेंशन भी नहीं मिली. पता करने पर बताया गया कि बैंक खाते में कोई परेशानी है.
अब पेंशन फिर से शुरू तो हुई, पर चार-पांच माह के बकाये पेंशन का भुगतान नहीं हुअा है. सिलाई कर अपना परिवार चलानेवाले मिंज के पास न सरकरी राशन कार्ड है अौर न ही इंदिरा अावास. लुईस से मुलाकात के बाद मंत्री ने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी तथा सीडीपीअो से बात की. बाद में उन्होंने पत्रकारों को बताया कि लुईस को एक सप्ताह के अंदर ट्राइसाइकिल मिल जायेगी. उधर गोड्डा से आये मृत्युंजय पांडेय ने अपनी पीड़ा बतायी.
गायब विधानसभा कर्मी अजय कुमार (क्रमांक तीन) के पिता भोला प्रसाद भी मंत्री के दरबार में आये थे. रांची की प्रियंका कुमारी ने एसएससी में नियुक्ति नहीं होने के बारे में कहा. जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि आरटीसी इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों को एक सप्ताह के अंदर कल्याण विभाग की अोर से मिलने वाली छात्रवृत्ति दे दी जायेगी.
कई महिलाअों ने पीड़ा सुनायी
शादी के 25 दिन बाद ही धोखा
किशोरगंज, हरमू रोड की रहने वाली ज्योति शर्मा की शादी उसके फूफा सतीश शर्मा ने अपने भतीजे नीरज शर्मा से करायी थी, जो सपरिवार हरियाणा के पिंजौर में रहता है. शादी के 25 दिन बाद ज्योति रस्म के अनुसार मायके अा गयी, पर इसके बाद वह ससुराल जा न सकी. पति सहित पूरे परिवार ने उससे आंखें फेर ली है ज्योति महिला आयोग गयी, पर आयोग से हरियाणा भेजे गये कई नोटिस वापस लौट अाये. शादी में धोखा के बाद अब ज्योति अपनी मां के साथ मंत्री से फरियाद करने पहुंची थी. वह अपने पति को सजा दिलवाना चाहती है. मंत्री ने इस मामले को गंभीर बताया. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वे इस संबंध में डीआइजी को लिखेंगी. यह अंतरराज्यीय मामला है, पर ज्योति को इंसाफ दिलाने का प्रयास किया जायेगा.
सगी बहन ने ही दिया धोखा
हरमू की गुड्डी कुमारी को उसकी सगी बहन ने ही धोखा दे दिया है. गुड्डी चार बहने हैं. उसके पिता का निधन हो गया है. सहकारिता विभाग में कार्यरत उसके पिता भागवत नारायण सिंह ने हरमू हाउसिंग कॉलोनी में करीब पौने चार कट्ठा का एक प्लॉट (डी-88) लिया था. दो विवाहित बहनों ने लिख कर (एनअोसी) दे दिया कि उन्हें इस प्लॉट में कोई जगह नहीं चाहिए. इधर, बच गयी गुड्डी व इसकी एक बहन राबी कुमारी के लिए पिता ने जीवित रहते बोर्ड में लिख कर दिया था कि मेरी जमीन की डीड दो हिस्सो में बनेगी. अब अविवाहित दूसरी बहन ने अपने कुछ पुरुष मित्रों के साथ मिल कर पूरी जमीन खुद के नाम करवा ली है. वहां निर्माण कार्य चल रहा है तथा इधर गुड्डी पुलिस-प्रशासन से मिन्नतें करती फिर रही हैं.