रांचीः झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को राज्य के स्कूलों में शौचालय की कमी व निर्मित शौचालयों की दयनीय स्थिति को गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता आरएस मजूमदार से जानना चाहा.
राज्य सरकार से पूछा कि राज्य के कितने सरकारी और निजी स्कूलों (विशेष कर बालिका विद्यालयों) में शौचालय है या नहीं. यदि है, तो शौचालयों की स्थिति क्या है. क्या बच्चों को शौच के लिए स्कूल परिसर से बाहर जाना पड़ता है. यदि ऐसा है, तो यह बच्चों के लिए असुरक्षित स्थिति है. स्कूलों में पानी की व्यवस्था कैसी है. भवन में दरवाजे-खिड़कियां हैं या नहीं.
खंडपीठ ने यह भी कहा कि शौचालय सुधार के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं. सरकार की क्या योजना है. फिलहाल पानी की व्यवस्था तत्काल की जाये. 29 जनवरी तक सरकार शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करें. अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी. उल्लेखनीय है कि स्कूलों में शौचालय की कमी व दयनीय स्थिति से संबंधित अखबारों में प्रकाशित खबरों को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया.