रांचीः राजधानी की लचर ट्रैफिक व्यवस्था के सुधार को लेकर वर्ष 1996 में जनहित याचिका दायर की गयी. मामले के लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ता की मृत्यु हो गयी. कई जज बदल गये. सुप्रीम कोर्ट जाकर रिटायर हो गये, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था नहीं सुधरी. कोर्ट ने बिना परमिटवाले ऑटो पर प्रतिबंध लगाते हुए जिला प्रशासन को जरूरत के आधार पर 3000 ऑटो चलाने की अनुमति दी. साथ ही मेन रोड में कचहरी चौक से राजेंद्र चौक तक अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया. इसके अलावा समय- समय पर लगभग 54 से अधिक बार आदेश दिये गये.
क्या है स्थिति : राजधानी में अभी भी बिना परमिट के सैकड़ों ऑटो चल रहे हैं. इससे राजधानी में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. प्रशासन द्वारा एक-दो बार परमिट जांच करने की कोशिश भी की गयी, तो ऑटो चालकों ने हड़ताल कर दी. मेन रोड में दुकानों के सामने अतिक्रमण किया गया है. व्यस्त सड़क के किनारे दुकान लगा देने से अक्सर जाम की स्थिति बन जा रही है. साथ ही साथ रास्ते पर वाहनों के खड़े किये जाने की वजह से आये दिन जाम लग जाता है.