शहीद अलबर्ट एक्का के कब्र की पवित्र मिट्टी लाकर गर्व है : जनार्दन तसवीर अमित दास देंगेप्रवीण मुंडा, रांचीमुझे जेबी सागवान बीएसएफ डीआइजी (डीएसअो) से निर्देश मिला था कि परमवीर अलबर्ट एक्का के कब्र की पवित्र मिट्टी को रांची पहुंचाना है. मुझे इस काम के लिए चुना गया. इस पर मुझे गर्व है. परमवीर अलबर्ट एक्का 1971 के युद्ध में शहीद हुए थे. उनकी मिट्टी को लाकर मेरा मनोबल अौर बढ़ा है. उक्त बातें सोमवार को बीएसएफ सीमांत मुख्यालय सालबगान अगरतला के हेड कांस्टेबल जनार्दन कुमार ने कही. वे सोमवार को हावड़ा हटिया ट्रेन से सुबह सात बजे रांची पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि रविवार की दोपहर दो बजे वे एयर इंडिया कोरियर के विमान से अगरतला (त्रिपुरा) से कोलकाता पहुंचे. जिसके बाद वे हावड़ा हटिया ट्रेन से रांची पहुंचे. ट्रेन की मिलिट्री बोगी में काफी भीड़ थी अौर उन्हें बैठने की जगह भी मुश्किल से मिल पायी. इस दौरान उन्होंने मिट्टी को हिफाजत से ऊपर रखा. रांची आने पर उन्होंने भूतपूर्व सैनिक कल्याण संघ के सचिव अनिरुद्ध सिंह को शहीद के कब्र की पवित्र मिट्टी सौंपी. उन्होंने इच्छा जतायी है कि तीन दिसंबर को जब अलबर्ट एक्का की पत्नी को मिट्टी सौंपी जाये, तो वे भी उसमें शामिल हो.इधर, स्टेशन पर पवित्र मिट्टी को रिसीव करने पहुंचे अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पवित्र मिट्टी को हिफाजत अौर सम्मान के साथ रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि रविवार की सुबह मिट्टी निकाली गयी अौर सोमवार की सुबह यह रांची पहुंच गयी. यह खुशी की बात है. तीन दिसंबर को शहीद अलबर्ट एक्का के गुमला स्थित उनके पैतृक गांव में वे इसे शहीद की पत्नी बलमदीना एक्का को सौंपेगे.
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शहीद अलबर्ट एक्का के कब्र की पवत्रि मट्टिी लाकर गर्व है : जनार्दन
शहीद अलबर्ट एक्का के कब्र की पवित्र मिट्टी लाकर गर्व है : जनार्दन तसवीर अमित दास देंगेप्रवीण मुंडा, रांचीमुझे जेबी सागवान बीएसएफ डीआइजी (डीएसअो) से निर्देश मिला था कि परमवीर अलबर्ट एक्का के कब्र की पवित्र मिट्टी को रांची पहुंचाना है. मुझे इस काम के लिए चुना गया. इस पर मुझे गर्व है. परमवीर अलबर्ट […]
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