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देशहित में जनसंख्या का संतुलन है जरूरी : संघ
आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का दूसरा दिन रांची : राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) रांची के सरला बिरला स्कूल में चल रहे अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दूसरे दिन जनसंख्या वृद्धि दर में असंतुलन की चुनौती पर प्रस्ताव पारित किया गया. संघ का मानना है कि देशहित में जनसंख्या का […]
आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का दूसरा दिन
रांची : राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) रांची के सरला बिरला स्कूल में चल रहे अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दूसरे दिन जनसंख्या वृद्धि दर में असंतुलन की चुनौती पर प्रस्ताव पारित किया गया.
संघ का मानना है कि देशहित में जनसंख्या का संतुलन जरूरी है. सब पर समान नागरिक संहिता लागू होना चाहिए. संप्रदायों की जनसंख्या में असंतुलन से देश की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक पहचान का संकट उत्पन्न हो जायेगा. संविधान भी अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाये रखने का अधिकार देता है.
संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्णगोपाल ने कहा कि वर्ष 1951 से 2011 के बीच जनसंख्या वृद्धि दर में भारी अंतर देखने को मिल रहा है. एक ओर हिंदू मतावलंबियों की संख्या पांच प्रतिशत घटी है, तो दूसरी ओर मुसलिम मतावलंबियों की संख्या पांच प्रतिशत बढ़ी है.
सीमावर्ती जिलों में चार गुणा बढ़ी आबादी: डॉ कृष्णगोपाल ने कहा कि सीमावर्ती जिलों में मुसलिम मतावलंबियों की संख्या शेष भारतीय की तुलना में चार गुणा बढ़ी है. मणिपुर में भारतीय मूल की संख्या 30 प्रतिशत घट गयी है. अरुणाचल प्रदेश में भारतीय मूल पंथ के संप्रदाय के लोग 99 प्रतिशत से घटकर 67 प्रतिशत हो गये हैं. असम की स्थिति गंभीर है. 1947 में असम का कोई भी जिला मुसलिम बहुल नहीं था, लेकिन आज आठ जिले मुसलिम बहुल हो गये हैं.
समान नागरिक कोड लागू हो : डॉ कृष्णगोपाल ने कहा कि संघ मानता है कि देश में समान नागरिक कोड लागू होना चाहिए. भारत सरकार पाकिस्तान व बांग्लादेश से आने वाले हिंदू, जैन, सिख और ईसाई को अवैध घुसपैठिया नहीं मानती है. ये पीड़ित लोग हैं. अवैध घुसपैठिया वो हैं जो जानबूझकर भारत की जमीन पर कब्जा करने आते हैं. घुसपैठ को रोकने के लिए जो भी कमी है उसे दूर किया जाना चाहिए.
सरना हिंदू धर्म कोड का हिस्सा : डॉ कृष्णगोपाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत का संविधान हिंदू को परिभाषित करता है, वे लोग जो पारसी, ईसाई, मुसलिम और यहुदी नहीं हैं, वे सब लोग हिंदू धर्म कोड में आते हैं. सरना हिंदू धर्म कोड के तहत आते हैं. डॉ कृष्णगोपाल ने राष्ट्रीय नागरिक पंजिका पर जोर देते हुए कहा कि यही भारत में रहने वालों की नागरिकता की पहचान करेगी.
देश के संसाधनों को ध्यान में रख कर तैयार हो नीति : डॉ कृष्णगोपाल ने कहा कि देशभर में सीमित जमीन है, सीमित संसाधन भी है. जनसंख्या नीति का निर्धारण करते समय देश के संसाधनों का ध्यान रखते हुए स्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए. देश हित में क्या होना चाहिए यह देखना होगा.
आज संपन्न होगी कार्यकारी मंडल की बैठक
कार्यकारी मंडल की बैठक एक नवंबर को संपन्न होगी. पिछले दो दिनों से चल रही बैठक में संघ के विस्तार, पिछले वर्ष में तय किये गये कार्यों की समीक्षा की गयी. सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी रविवार को बैठक से संबंधित जानकारी मीडियाकर्मियों को देंगे.
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