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बिखराव के कगार पर अशोक मुंडा का परिवार

बिखराव के कगार पर अशोक मुंडा का परिवार आर्थिक व कानूनी सहायता की जरूरत, इलाज के लिए भूमिहीन हुआ परिवार मां से बढ़कर बहन कर रही भाई की सेवाअमरनाथ ठाकुर/राजीव पांडेय रांची. जिंदगी के लिए जूझ रहे अशोक मुंडा का परिवार बिखराव के कगार पर पहुंच चुका है़ यदि इस गरीब आदिवासी परिवार को तत्काल […]

बिखराव के कगार पर अशोक मुंडा का परिवार आर्थिक व कानूनी सहायता की जरूरत, इलाज के लिए भूमिहीन हुआ परिवार मां से बढ़कर बहन कर रही भाई की सेवाअमरनाथ ठाकुर/राजीव पांडेय रांची. जिंदगी के लिए जूझ रहे अशोक मुंडा का परिवार बिखराव के कगार पर पहुंच चुका है़ यदि इस गरीब आदिवासी परिवार को तत्काल आर्थिक व कानूनी सहायता न मिली तो एक साथ तीन जिंदगियां तबाह हो सकती हैं. रिम्स के डॉ सकेतन भगत के वार्ड में इलाजरत बुंडु के भोरंगाडीह निवासी 25 वर्षीय अशोक मुंडा दो वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था़ समय पर उचित इलाज नहीं होने से अशोक के दाहिने पैर का कटना लगभग तय है़ दूसरे पैर का जख्म ठीक हो चुका है, पर उस पैर की भी हालत ठीक नहीं हैं. यदि अशोक बच भी जाता है तो वह हमेशा के लिए अपाहिज बन जायेगा. अशोक मुंडा के पिता लालमोहन मुंडा व मां बुधनी देवी की मौत हो चुकी है़ अशोक मुंडा मजूदरी कर अपनी छोटी बहन पतिला कुमारी (18) तथा छोटा भाई बिनाधर मुंडा (10) का पालन पोषण कर रहा था, मगर इस हादसे के बाद उनकी जिंदगी तबाह हो गयी है. बताया गया कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व अशोक मुंडा मजूदरी कर साइकिल से आ रहे थे, कि एक ट्रक ने धक्का मार दिया़ उसके दोनों पैर गंभीर रूप से जख्मी हो गये. ट्रक बुंडु के एदलहातु गांव का था. ट्रक मालिक ने इलाज तथा भरण पोषण का पैसा अशोक को देने का आश्वासन देकर थाने में शिकायत करने से रोक दिया़ ट्रक मालिक ने बुंडु के डॉ मदन के नर्सिंग होम में भरती कराया तथा 17 हजार रुपये इलाज के लिए व दो हजार रुपये खाने के लिए दिया. बाद में ट्रक मालिक वादे से मुकर गया. इसके बाद पतिला घर के खर्चे व भाई के इलाज के लिए घरेलू कामकाज करने लगी. अधिक पैसों की जरूरत के कारण पतिला ने अपनी खेती बारी की जमीन क्रमश: पंद्रह व छह हजार रुपये में बंधक रख दी है़ अब वह राशि भी खत्म होने को है. नारी शक्ति की प्रतीक है पतिलापतिला अपने भाई की सेवा मां से भी बढ़कर कर रही है. वह अपने भाई की जिंदगी व परिवार को बचा कर रखने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है़ लाचार अशोक मुंडा डेढ़ वर्षों से बिस्तर पर ही शौच आदि करने को विवश है़ पतिला ही भाई की सेवा व साफ सफाई एक मां की तरह कर रही है. साथ ही अभिभावक के रूप में अशोक का इलाज भी करा रही है़ कानूनी व आर्थिक सहायता की अपीलअशोक मुंडा के पास बीपीएल कार्ड है. इसके बावजूद समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है़ उसका छोटा सा परिवार झारखंड जैसे आदिवासी राज्य में दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज है़ अशोक मुंडा यदि जागरूक होता और ट्रक मालिक के झांसे में न आकर प्राथमिकी दर्ज कराता तो उसे मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत इलाज व भरण पोषण के लिए अंतरिम सहायता के साथ साथ क्षतिपूर्ति की राशि भी मिलती़ अशोक मुंडा की मदद के लिए कोई भी व्यक्ति या संस्था पतिला से उसके मोबाइल नंबर 9546298334 पर संपर्क कर सकते हैं.

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