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जेसी व्हिटली थे छोटानागपुर डायसिस के पहले बिशप

जेसी व्हिटली थे छोटानागपुर डायसिस के पहले बिशप(फोटो ट्रैक – संत पॉल कैथेड्रल, बहुबाजार, सीएनआई छोटानागपुर डायसिस का प्रमुख गिरजाघर)संवाददाता, रांची सीएनआई छोटानागपुर डायसिस के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 15 से 19 अक्तूबर तक संत पाॅल कैथेड्रल परिसर में पांच दिवसीय जुबली समारोह का आयोजन किया गया है़ 25 मार्च 1890 को […]

जेसी व्हिटली थे छोटानागपुर डायसिस के पहले बिशप(फोटो ट्रैक – संत पॉल कैथेड्रल, बहुबाजार, सीएनआई छोटानागपुर डायसिस का प्रमुख गिरजाघर)संवाददाता, रांची सीएनआई छोटानागपुर डायसिस के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 15 से 19 अक्तूबर तक संत पाॅल कैथेड्रल परिसर में पांच दिवसीय जुबली समारोह का आयोजन किया गया है़ 25 मार्च 1890 को बहुबाजार स्थित संत पाॅल कैथेड्रल में प्रथम बिशप के रूप में पादरी जेसी व्हिटली का बिशप संस्कार हुआ़ इसके साथ ही वह छोटानागपुर की कलीसिया विश्वव्यापी एंग्लिकन कलीसिया से जुड़ गयी़ इन 125 वर्षों में इस डायसिस ने लंबी दूरी तय की है़ वर्तमान में इस डायसिस द्वारा बिशप वेस्टकाॅट स्कूल समूह, संत पॉल स्कूल व कॉलेज, संत मार्ग्रेट बालिका स्कूल, संत मिखाइल नेत्रहीन विद्यालय, एसपीजी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, संत कोलंबस कॉलेज हजारीबाग, संत बरनाबास अस्पताल सहित कई संस्थान चलाये जा रहे है़ंदक्षिण पश्चिम सीमांत प्रांत के मेजर राल्फ ऑस्ली ने मांगे थे मिशनरीडायसिस बनने के पहले का इतिहास काफी रोचक है़ वह ब्रिटिश शासन का दौर था़ तब, दक्षिण-पश्चिम सीमांत प्रांत के मेजर राल्फ ऑस्ली ने अप्रैल 1840 में कोलकाता के एंग्लिकन बिशप विल्सन को कोल्हान क्षेत्र के लिए कुछ मिशनरी भेजने के लिए पत्र लिखा़ उन्होंने यह पत्र लंदन की मिशनरी संस्था, एसपीजी (सोसाइटी फॉर प्रोपोगेशन ऑफ गॉस्पल) को अग्रसारित किया, पर वे कोई मिशनरी नहीं भेज सके़ इसी बीच छोटानागपुर में जर्मनी के गोस्सनर मिशनरियों ने एक दिसंबर 1845 को लूथेरन कलीसिया की स्थापना की़ 1863 में जर्मनी और डेनमार्क के बीच युद्ध शुरू हुआ़ लूथेरन चर्च को जर्मनी से मिलनेवाली आर्थिक सहायता बंद हो गयी़ छोटानागपुर में एंग्लिकन चर्च का नया अध्याय शुरू हुआ़ 17 अप्रैल 1869 को कोलकाता से आये बिशप मिलमैन ने 430 नये मसीहियों का दृढ़ीकरण संस्कार किया़ 18 अप्रैल को चार कैंडीडेट का पद संस्कार किया गया़ हेनरी वत्स व फ्रेड्रिक वॉन का पहले डीकन और इसके बाद पुरोहित संस्कार किया गया़ इसी दिन विल्हेम लूथर दाऊद सिंह भी डीकन बनाये गये़ यह आराधना बांस व पत्तियों से बने एक अस्थायी गिरजाघर में हुई थी़ दूसरे दिन 40 लोगों का बपतिस्मा हुआ़ इसी दौरान संत पॉल स्कूल की स्थापना भी हुई़ एंग्लिकन चर्च से जुड़नेवाले मसीहियों की तादात बढ़ने लगी़ एक नवंबर 1870 को कर्नल डाल्टन ने संत पॉल कैथेड्रल की नींव रखी़ 10 मार्च 1873 को पांच भारतीय कैंडीडेट को बिशप मिलमैन ने डीकन के पद पर अभिषिक्त किया़ पादरियों का वेतन का थोड़ा अंश बाहर से आता था़ बाकी स्थानीय मंडलियों द्वारा एकत्र किया जाता था़ 1885 में मेट्रोपोलिटन का पत्र लिखा गया कि छोटानागपुर की कलीसिया को अब एक बिशप की जरूरत है़ यह आवेद मंजूर किया गया, जिसके बाद 23 मार्च 1890 को पादरी जेसी व्हिटली को पहला बिशप बनाया गया़

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