आदिवासी बच्चों को पढ़ने और रोजगार के लिए लोन देने में बैंक कोताही बरत रहे हैं. एसपीटी और सीएनटी एक्ट का हवाला दिया जाता है. कई बार कोशिश की गयी, लेकिन रास्ता नहीं निकला. उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं. वह पंजाब नेशनल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में बोल रहे थे.
एक्सआइएसएस में उन्होंने कहा कि बैंकों ने काजगी प्रक्रिया को जटिल बना दिया है. बैंकिंग सिस्टम अच्छा हो, तो चिटफंड कंपनियां लोगों के पैसे नहीं लूट पायेंगी. यूनियन की बैठकों में सरकार की मदद पर मंथन होनी चाहिए. एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव दिलीप साहा ने बैंकों के लिए अलग निगरानी की मांग की. स्टाफ की कमी से कई समस्याएं आ रही हैं. कामकाज और रिस्क को देखते हुए वेतनमान तय होना चाहिए. विभिन्न बैंकों में 1.36 लाख करोड़ एनपीए है, इसकी वसूली के लिए मजबूत कदम उठाया जाना चाहिए.
बैंकिंग में पांच दिनों के सप्ताह की वकालत की. एसोसिएशन ने सामाजिक दायित्व के तहत न्यू होम होप चिल्ड्रेन के बच्चों को स्कूल बैग, स्वेटर, टोपी सहित अन्य सामग्री दी. मौके पर महाप्रबंधक एसएस बनर्जी, मंडल प्रमुख वीके महाजन, एन जोगानिया, अजय जेटली, शांतनु सेन, रावणोश्वर, प्रदीप कुमार समेत अन्य लोग उपस्थित थे.