14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जेपी आंदोलनकारियों का मामला: आये 782 आवेदन

रांची: राज्य सरकार झारखंड-वनांचल आंदोलनकारियों की तरह जेपी आंदोलन से जुड़े लोगों को भी सम्मानित करना चाहती है. जेपी के नेतृत्व में 18 मार्च 1974 से 21 मार्च 1977 की अवधि में प्रजातंत्र का अस्तित्व बचाने तथा जनता के मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए हुए आंदोलन में शरीक लोगों को चिह्नित करने का काम […]

रांची: राज्य सरकार झारखंड-वनांचल आंदोलनकारियों की तरह जेपी आंदोलन से जुड़े लोगों को भी सम्मानित करना चाहती है. जेपी के नेतृत्व में 18 मार्च 1974 से 21 मार्च 1977 की अवधि में प्रजातंत्र का अस्तित्व बचाने तथा जनता के मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए हुए आंदोलन में शरीक लोगों को चिह्नित करने का काम भी झारखंड-वनांचल अांदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग को दिया गया है.

आयोग ने जेपी आंदोलनकारियों से उनके आंदोलन में शामिल होने के प्रमाण सहित आवेदन मांगे हैं. अावेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर थी, जिसे आयोग ने बढ़ा कर 16 अक्तूबर कर दिया है. पांच अक्तूबर तक अायोग को राज्य भर से 782 अावेदन मिले हैं. इधर कई आंदोलनकारियों ने शिकायत की है कि उन्हें उन जेलों से कागजात नहीं दिये जा रहे, जहां वे बंद थे. हालांकि गृह सचिव तथा डीजीपी ने सभी उपायुक्तों तथा एसपी सहित जेल अधीक्षकों से कहा है कि वे मीसा व डीआइआर में छह माह या इससे अधिक समय तक जेल में बंद जेपी आंदोलनकारियों को सहयोग करें. दुमका जेल से कागजात उपलब्ध कराये जाने की सूचना है. गौरतलब है कि सरकार ने जेपी आंदोलनकारियों या उनकी पत्नी को विभिन्न मानकों के आधार पर 2500 से पांच हजार रु तक मासिक पेंशन देने का निर्णय लिया है.
गोड्डा से सर्वाधिक आवेदन मिले
जेपी आंदोलनकारियों के सबसे अधिक 309 आवेदन गोड्डा जिले से आये हैं. वहीं देवघर से 82, साहेबगंज से 79, दुमका से 73, पलामू से 35, पाकुड़ से 25, रांची से 22, गढ़वा से 21, धनबाद से 20, हजारीबाग व बोकारो से 16-16, चतरा से 13, गिरिडीह से 12, रामगढ़, गुमला, लातेहार व खूंटी से 10-10, कोडरमा से सात, लोहरदगा से छह तथा पूर्वी व प सिंहभूम से तीन-तीन अावेदन आये हैं. वहीं सिमडेगा, सरायकेला-खरसांवा व जामताड़ा से कोई अावेदन नहीं अाया है.
अब तक 2500 अांदोलनकारी चिह्नित
उधर झारखंड-वनांचल अांदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग ने लगभग 45 हजार अावेदनों के आधार पर 2500 आंदोलनकारियों को चिह्नित कर लिया है. इनमें से 2100 लोग उपलब्ध कराये गये कागजातों तथा उपलब्ध अन्य साक्ष्य की जांच के बाद चिह्नित किये गये हैं. शेष चार सौ लोग झारखंड आंदोलन से साक्षात्कार (बलबीर दत्त), झारखंड की समरगाथा (शैलेंद्र महतो), शोषण संघर्ष व शहादत (अनुज कुमार सिन्हा) तथा एनइ होरो की जीवनी (श्री मजीद) जैसी किताबों में दिये गये तथ्यों के आधार पर अांदोलनकारी के रूप में चुने गये हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें