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वर्ष 2021 तक तैयार होगी झारखंड की नयी राजधानी

रांची: नयी राजधानी के निर्माण लिए 4095.30 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है. जीआरडीए द्वारा रांची में नयी राजधानी के निर्माण के लिए उक्त राशि का आकलन किया गया है. वर्ष 2020-21 तक नयी राजधानी का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. छह वर्ष में नयी राजधानी बनाने की योजना है. सरकार का तर्क […]

रांची: नयी राजधानी के निर्माण लिए 4095.30 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है. जीआरडीए द्वारा रांची में नयी राजधानी के निर्माण के लिए उक्त राशि का आकलन किया गया है. वर्ष 2020-21 तक नयी राजधानी का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. छह वर्ष में नयी राजधानी बनाने की योजना है.

सरकार का तर्क है कि रांची में बढ़ती जनसंख्या के दबाव को देखते हुए नयी राजधानी का निर्माण आवश्यक है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के विकास के लिए चार विशेष परियोजनाओं का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु नीति आयोग को भेजने की सहमति दी है. उन्होंंने स्मार्ट ग्राम परियोजना, राज्य में हरित क्रांति के प्रसार, नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत दामोदर नदी को प्रदूषण मुक्त करने की परियोजना सहित नयी राजधानी की परियोजना का प्रस्ताव शीघ्र नीति आयोग को भेजने का निर्देश दिया है. इन योजनाओं की अनुमानित लागत 11972.88 करोड़ रुपये है. गौरतलब है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय के साथ हुई बैठक में इन योजनाओं की प्राथमिकता तय की गई थी.
हरित क्रांति के लिए 5336.25 करोड़ की मांग
झारखंड में हरित क्रांति के प्रसार के अंतर्गत कुल 355750 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता का पुनर्निर्माण किया जाना है. सिंचाई क्षमता के पुनर्निर्माण पर अनुमानित लागत 5336.25 करोड़ रुपये होगी. इसी प्रकार स्मार्ट फार्मिंग के अन्तर्गत 48 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 480 सोलर पम्पों से गैर सिंचित इलाकों में कुल 4320 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई क्षमता विकसित किए जाने का प्रस्ताव है. समेकित डेयरी फार्मिंग सह प्रत्यक्षण केंद्रों द्वारा वैकल्पिक कृषि कार्यों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 328.33 करोड़ रुपये की लागत से पशुपालन का विकास प्रस्तावित है.
स्मार्ट विलेज के लिए 525 करोड़
ग्रामीण विकास विभाग की स्मार्ट ग्राम परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2015–16 से वर्ष 2019–20 के बीच 525 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित है. योजना के अंतर्गत मुख्यत: सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन, स्थानीय प्रशासन, मानव संसाधन विकास, कृषि एवं संबद्ध विकास, पर्यावरण सुधार सहित वाइ–फाइ कनेक्टिविटि जैसी सुविधाएं शामिल हैं.
दामोदर नदी के लिए 1640 करोड़
नमामि गंगे परियोजना के तहत दामोदर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 1640 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है. इसके तहत 1500 करोड़ रुपये की लागत से धनबाद, रामगढ़ एवं फुसरो में सिवरेज नेटवर्क तथा ट्रीटमेंट प्लांट का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा 140 करोड़ की लागत से पीटीपीएस, टीटीपीएस, सीटीपीएस एवं बीएसएल द्वारा उत्सर्जित किए जानेवाले प्रदूषित जल के ट्रीटमेंट का प्रावधान किया गया है.

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