…बाधा, संकट दूर होते हैं राजसूय यज्ञ से नामधारी द्वारा उठाये गये सवाल का केएन त्रिपाठी ने दिया जवाबप्रतिनिधि, मेदिनीनगर.राजसूय यज्ञ की प्रासंगिकता पर राज्य के पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी ने पूर्व मंत्री सह यज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष केएन त्रिपाठी से मार्गदर्शन मांगा था. श्री नामधारी द्वारा उठाये गये सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री श्री त्रिपाठी ने भी उन्हें पत्र लिखा है. कहा है कि देश एवं क्षेत्र की रक्षा के लिए राजसूय यज्ञ होता है. राजसूय यज्ञ के बारे में द्वापर काल में पांडवों के राज्य में जब उनके उपर संकट आया,अकाल पड़ने, नावृष्टि,अतिवृष्टि होने लगी तब पांडवों की माता कुंती ने भगवान श्री कृष्ण का स्मरण किया था. स्मरण करते ही भगवान श्रीकृष्ण ने प्रकट होकर राजसूय यज्ञ कराने को कहा था. श्लोक में यह वर्णित है कि राजसूय यज्ञ के आयोजन से राज्य की सब बाधाएं दूर होगी. आया संकट दूर होगा. धन-धान्य की वृद्धि होगी. इसमें किसी प्रकार का संशय न हो. यज्ञों में सर्वश्रेष्ठ, सर्वसामायिक राजसूय यज्ञ है. यजुर्वेद में इस पर विस्तार से चर्चा की गयी है. श्री नामधारी को लिखे गये पत्र में पूर्व मंत्री श्री त्रिपाठी ने कहा है कि आपने(श्री नामधारी) पत्र में लिखा है कि आप अभारी रहेंगे, यदि राजसूय यज्ञ की प्रासंगिकता पर मैं आपका मार्गदर्शन करूं . श्री त्रिपाठी ने लिखा है कि मैं ऐसा समझता था कि वरिष्ठ होने के नाते में राजनीतिक व अन्य मामलों में आपसे(श्री नामधारी) यदा-कदा मार्गदर्शन का लाभ लूंगा, पर आपने मुझसे मार्गदर्शन मांग कर निराश किया है. पत्र में श्री त्रिपाठी ने कहा है कि 16 जुलाई को जब राजसूय यज्ञ का ध्वजारोहण हो रहा था, उस समारोह में भी आपकों को आमंत्रित किया गया था. लेकिन आपकी उपस्थिति नहीं हुई. निश्चिततौर पर आपकी अनुपस्थिति का कारण यही आशंका रही होगी कि जिसका जिक्र आपने किया है कि राजसूय यज्ञ में चक्रवर्ती सम्राट के अधीन छोटे राजा सम्मिलत होते हैं. प्राचीन काल में बहुत सारे यज्ञ कार्य संपादित होते थे, जिसमें राज्य विस्तार एवं अधीनस्थ राजाओं पर अाधिपत्य कायम रखने के लिए अश्वमेघ यज्ञ, धर्म परमार्जन एवं शुद्धिकरण के लिए वाजपेय यज्ञ एवं अति वृष्टि,आनावृष्टि, अकाल ,महामारी जैसे प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए राजसूय यज्ञ कराये जाते थे. श्री त्रिपाठी ने श्री नामधारी से कहा है कि आपने पत्र में जिस यज्ञ का जिक्र किया है, वह अश्वमेघ यज्ञ है. पत्र में श्री त्रिपाठी ने कहा है कि मुझे उम्मीद है कि आपकी (श्री नामधारी) आशंका को समाप्त कर उसको आस्था में बदलने में मेरा पत्र सहायक सिद्ध होगा.
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…बाधा, संकट दूर होते हैं राजसूय यज्ञ से
…बाधा, संकट दूर होते हैं राजसूय यज्ञ से नामधारी द्वारा उठाये गये सवाल का केएन त्रिपाठी ने दिया जवाबप्रतिनिधि, मेदिनीनगर.राजसूय यज्ञ की प्रासंगिकता पर राज्य के पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी ने पूर्व मंत्री सह यज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष केएन त्रिपाठी से मार्गदर्शन मांगा था. श्री नामधारी द्वारा उठाये गये सवाल के जवाब में […]
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