ब्यूरो प्रमुख, रांची
झारखंड विधानसभा की सीटें बढ़ाये जाने का प्रस्ताव भेजे जाने के लिए सरकार ने एक बार फिर पहल की है. सूचना के मुताबिक विधानसभा से सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव वर्तमान मॉनसून सत्र में ही भेजा जायेगा. झारखंड विधानसभा ने अब तक पांच बार सीटें बढ़ाने की सिफारिश भेजी है. बहुमत से विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित किया गया है. झारखंड विधानसभा के गठन से ही राज्य में सीटें बढ़ाने की बात कही गयी है. इस मुद्दे को लेकर विधानसभा के अंदर कई बार बहस हुई. 2002, 2004, 2005, 2007 और 2009 में प्रस्ताव सदन द्वारा भेजा गया था. विधानसभा की ओर से सीटें बढ़ाये जाने की मांग तो होती रही है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया. झारखंड की विधानसभा की वर्तमान 81 सीटों को बढ़ा कर 150 से 180 तक करने की मांग होती रही है.
विधान परिषद के गठन की भी होती रही है मांग : झारखंड में विधानसभा की सीटें बढ़ाये जाने के साथ-साथ विधान परिषद के गठन की मांग होती रही है. झारखंड सरकार में शामिल रहे राजनीतिक दलों के प्रतिनिध से लेकर राजनेताओं ने इसकी मांग की है. पिछले दिनों दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष रवींद्र राय ने भी राज्य में विधान परिषद के गठन की मांग की थी. राज्य से विधानसभा परिषद के गठन के लिए समय-समय पर केंद्र सरकार को मांग पत्र भेजा जाता रहा है.
परिसीमन के लिए 15 जून 2005 में बनी थी कमेटी : सीटों के परिसीमन के लिए 15 जून 2005 में विधानसभा की कमेटी बनी थी. तत्कालीन विधायक कड़िया मुंडा इस कमेटी के संयोजक थे. कमेटी ने राज्य में नये सिरे से विधानसभा की सीटों के परिसीमन का प्रस्ताव तैयार किया था. चार जुलाई 2005 को कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी थी. कमेटी ने विधानसभा की सीटें 81 से बढ़ा कर 150 करने का प्रस्ताव तैयार किया था. इस पर पूरे सदन का अनुमोदन मिला था. इसके बाद प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था.