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आदिवासी दिवस आज, होंगे कई कार्यक्रम

विश्व आदिवासी दिवस पर रविवार को राज्य सरकार की ओर से कई कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. जतरा कार्निवाल से लेकर कई रंगारंग कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा. मुख्य समारोह मोरहाबादी बिरसा स्टेडियम में होगा. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्री को न्योता दिया […]

विश्व आदिवासी दिवस पर रविवार को राज्य सरकार की ओर से कई कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. जतरा कार्निवाल से लेकर कई रंगारंग कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा. मुख्य समारोह मोरहाबादी बिरसा स्टेडियम में होगा.
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्री को न्योता दिया है. इधर, आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या पर राजधानी में कई कार्यक्रम का आयोजन हुआ.
रांची : आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या पर कला संस्कृति विभाग द्वारा आर्यभट्ट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कलाकारों ने लोकनृत्य से समां बांधा. राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आये कलाकारों ने झारखंडी संस्कृति का शानदार नजारा पेश किया. तालियों की गड़गड़ाहट के बीच गुमला के कलाकारों ने कलशा नृत्य प्रस्तुत किया.
उरांव लोकनृत्य के जरिये भी गुमला के कलाकारों ने अपनी माटी की सुगंध बिखेरी. दुमका के कलाकार संथाली, रांची के कलाकार मुंडारी और नागपुरी लोकनृत्य पर थिरके. छऊ नृत्य के दौरान दर्शक जैसे कलाकारों के मोहपाश में बंध गये थे.
कार्यक्रम में सिमडेगा के कलाकारों ने खड़िया, चाइबासा के कलाकारों ने हो और देवघर के कलाकारों ने पहाड़िया लोकनृत्य प्रस्तुत किया. मौके पर खिजरी के विधायक रामकुमार पाहन और रांची विवि के कुलपति रमेश पांडेय ने अपनी बातें रखी. उन्होंने आदिवासी संस्कृति को झारखंड की धरोहर बताया.
आदिवासी समाज के उत्थान और अस्तित्व को बचाने के लिए पहल किये जाने की आवश्यकता बतायी. झारखंड की संस्कृति को महान बताते हुए इसके प्रसार का आह्वान किया. डॉ कमल कुमार बोस ने समारोह का संचालन किया.
जतरा कार्निवल में शामिल होंगे 10 हजार ट्राइबल
रांची : विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में 10 हजार ट्राइबल शामिल होंगे. कार्यक्रम के पहले सैनिक बाजार परिसर से जतरा कार्निवल निकाला जायेगा. इसमें आदिवासी संस्कृति और परंपरा को जनजातीय समुदाय के लोग प्रदर्शित करेंगे. कार्निवल मोरहाबादी के फुटबाल स्टेडियम में समाप्त होगा.
आयोजन स्थल पर अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय के बच्चे खेल-कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे. स्टेडियम के अंदर विभिन्न सरकारी विभागों के 50 स्टॉल भी लगाये गये हैं.
प्रत्येक जिले से 10 अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को वन अधिकार कानून के तहत सामुदायिक पट्टा भी वितरित किया जायेगा. इसके अलावा चयनित लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का भी वितरण किया जायेगा. टाटा स्टील ट्राइबल कल्चरल सोसाइटी की तरफ से विलुप्त होते खेल कूद का प्रदर्शन किया जायेगा.
रांची : सरकार द्वारा आदिम जनजातियों के लिए कई योजनाएं चलायी जाती हैं पर उन योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच पाता है. वनभूमि का पट्टा हो, आयवृद्धि योजना या कुछ और, सभी सरकारी फाइलों तक ही सीमित हैं.
उक्त बातें कोल्हान क्षेत्र से आये उमा पदो सबर ने कही. उमा पदो आदिम जनजाति सबर के सदस्य है. उन्होंने कहा कि वनभूमि के लिए पट्टा की प्रक्रिया काफी जटिल है. उमा पदो सबर शनिवार को जनजातीय शोध संस्थान में आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे.
सेमिनार का विषय था आदिम जनजातीय समाज विकासीय योजनाएं और सामुदायिक अनुभव. पहाड़िया आदिम जनजाति के पाल पहाड़िया ने बताया कि लोगों में जागरूकता और शिक्षा की कमी है. इसकी वजह से वे लोग वृद्धा पेंशन, आय वृद्धि योजना, अंत्योदय योजना व अन्य कल्याणकारी योजनाओं को नहीं समझ पाते हैं.
इसके अलावा समाज में व्याप्त कुछ सामाजिक बुराइयां (बाल विवाह) भी हैं, जिससे समाज विकास नहीं कर पा रहा है. सुषमा असुर ने सरकार की सीधी नियुक्ति योजना के संबंध में कहा कि ग्रेजुएशन तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है. कार्यक्रम में पूर्व आइपीएस अरुण उरांव भी उपस्थित थे. सेमिनार को वंदना टेटे, श्रवणी सहित व अन्य ने संबोधित किया.
गीतों के जरिये बताया गोत्र व इतिहास
रांची : विश्व आदिवासी दिवस को लेकर बिरसा स्टेडियम में आयोजित सेमिनार में मानकी मुंडा व्यवस्था पर चर्चा हुई. इस दौरान रांची व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आये वक्ताओं ने मानकी मुंडा व्यवस्था, इसकी विशेषता व इतिहास पर जानकारी दी.
तोरपा से आये सनिका मुंडा ने मुंडारी गीतों के जरिये इतिहास व गोत्र व्यवस्था की जानकारी दी. उन्होंने गीत गाकर बताया कि कैसे हमलोगों ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. एक अन्य गीत से बताया कि कैसे हमलोगों के गोत्र का निर्माण हुआ. वक्ताओं ने कहा कि अपनी पुरानी व्यवस्था को फिर से मजबूत करने की जरूरत है. कार्यक्रम में विश्वनाथ भगत, बरखा लकड़ा सहित अन्य उपस्थित थे.
आदिवासी अफसरों ने बनायी अपनी पहचान
राज्य के कई आदिवासी अफसरों ने अपनी पहचान बनायी है. वे राज्य व देश के कई उच्च पदों पर अपनी सेवा दे रहे हैं या दे चुके हैं. इन्होंने अपनी सेवा में एक से बढ़ कर एक काम किये हैं.
झारखंड आम्र्ड पुलिस के एडीजी हैं रेजी डुंगडुंग
रांची के रेजी डुंगडुंग झारखंड आम्र्ड पुलिस के एडिशनल डाइरेक्टर जेनरल ऑफ पुलिस हैं. इससे पूर्व उन्होंने एडीजी सीआइडी, एडीजी स्पेशल ब्रांच व रांची के जोनल आइजी के रूप में कार्य किया है.
उनकी स्कूली पढ़ायी संत जॉन स्कूल रांची में हुई, जिसके बाद उन्होंने संत जेवियर्स कॉलेज रांची से विज्ञान में इंटर व रांची कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. आइपीएस बनने से पहले उन्होंने डेढ़ साल तक इंडियन इकोनॉमिक सिर्वस में भी अपनी सेवा दी.
इनकम टैक्स कमिश्नर हैं वीर बिरसा एक्का
रांची के वीर बिरसा एक्का जमशेदपुर के इनकम टैक्स कमिश्नर हैं. इससे पूर्व वह इसी पद पर रांची में पदस्थापित थे.
2012 में राज्यसभा चुनाव के दौरान जब हॉर्स ट्रेडिंग की शिकायत आयी, तब चुनाव आयोग ने आयकर विभाग को सजग रहने का निर्देश दिया था. बिरसा एक्का के नेतृत्व में टीम सक्रि य हुई. इसी टीम ने रांची- जमशेदपुर रोड में दो करोड़ 12 लाख रु पये की बरामदगी की. देश के इतिहास में पहली बार राज्यसभा का चुनाव रद्द हुआ. उन्होंने आयकर विभाग मुंबई में असिस्टेंट कमिश्नर व डिप्टी कमिश्नर के पद पर 11 वर्षों तक सेवा दी.
झारखंड में छह साल डेपुटेशन पर रहे और विशेष सचिव वित्त और ट्राइबल वेलफेयर कमिश्नर का पद संभाला. उन्होंने बिशप वेस्टकॉट स्कूल रांची, संत जेविसर्य कॉलेज रांची और जवाहरलाल नेहरू विवि (पीजी) सें पढ़ायी की है.
कल्याण सचिव हैं डॉ राजीव अरुण एक्का
आइएएस राजीव अरु ण एक्का झारखंड के कल्याण सचिव हैं. कडरू के रहने वाले डॉ राजीव पंचायती राज व स्वास्थ्य विभाग के सचिव भी रहे हैं. पूर्व में ट्राइबल डेवपलमेंट कमिश्नर, रांची, गोड्डा व चाईबासा के डीसी, मधुबनी के डीएम जैसे कई पदों पर रहे. वह कई विभागों के संयुक्त सचिव भी रहे. उन्होंने संत जेवियर्स स्कूल डोरंडा, संत जेवियर्स कॉलेज रांची व एम्स नयी दिल्ली में पढ़ायी की.
कल्याण विभाग की सचिव वंदना दादेल
कल्याण विभाग की सचिव आइएएस वंदना दादेल फिलहाल लांग टर्म ट्रेनिंग के लिए अवकाश पर हैं. पूर्व में उन्होंने कला संस्कृति, खेलकूद व युवा कार्य विभाग और उद्योग विभाग की जिम्मेवारी संभाली है. उन्होंने आदिवासी कला-संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
वंदना दादेल ने सेक्रेड हार्ट स्कूल हुलहुंडू में स्कूली शिक्षा प्राप्त की, जिसके बाद संत जेवियर्स कॉलेज रांची से विज्ञान में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की. उन्होंने आइआइटी दिल्ली में कंप्यूटर साइंस का अध्ययन किया है. उनके पति संजय बाड़ा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, कोलकाता में एडिशनल कमिश्नर हैं.
राज्य के कई आदिवासी हैं महत्वपूर्ण पदों पर
अखिलानंद खलखो हजारीबाग के आयकर आयुक्त हैं, जिन्हें रांची का अतिरिक्त प्रभार भी मिला है. आइएएस जेपी एक्का मध्य प्रदेश, आइएएस जेवी एक्का असम कैडर में अपनी सेवा दे रहे हैं. ऑस्कर केरकेट्टा व अमित लुगुन इंडियन फॉरेन सर्विस में वरीय पदों पर हैं.

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