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उर्दू एक-दूसरे को नजदीक लानेवाली भाषा : डॉ अख्तर
राष्ट्रीय एकता में उर्दू भाषा के महत्व पर संगोष्ठी रांची : रांची विवि के पूर्व कुलपति डॉ शीन अख्तर ने कहा है कि उर्दू आम जुबान है. यह भाषा एक-दूसरे को नजदीक लानेवाली है. विद्यार्थी उर्दू के साथ-साथ हिंदी की भी जानकारी रखें. उर्दू और हिंदी एक-दूसरे को जोड़नेवाली भाषा है. डॉ अख्तर गुरुवार को […]
राष्ट्रीय एकता में उर्दू भाषा के महत्व पर संगोष्ठी
रांची : रांची विवि के पूर्व कुलपति डॉ शीन अख्तर ने कहा है कि उर्दू आम जुबान है. यह भाषा एक-दूसरे को नजदीक लानेवाली है. विद्यार्थी उर्दू के साथ-साथ हिंदी की भी जानकारी रखें. उर्दू और हिंदी एक-दूसरे को जोड़नेवाली भाषा है. डॉ अख्तर गुरुवार को रांची विवि अंतर्गत स्नातकोत्तर उर्दू विभाग में राष्ट्रीय एकता (नेशनल इंटीग्रेशन) में उर्दू भाषा के महत्व विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे.
रांची विवि के प्रतिकुलपति डॉ एम रजिउद्दीन ने कहा कि उर्दू सिर्फ मुसलिम की ही नहीं, सब की भाषा है. हिंदुस्तान में ज्यादा बोली जानेवाली भाषा है. यह भाषा कानों को अच्छी लगती है. पूरे भारत में लगभग सवा छह करोड़ लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं, अकेले झारखंड में लगभग 35 लाख लोग उर्दू भाषा बोलते हैं. इसलिए राष्ट्रीय एकता को बनाये रखने में इस भाषा का महत्व बढ़ जाता है.
कार्यक्रम को रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय, पूर्व कुलपति डॉ एलएन भगत, नीलांबर-पीतांबर विवि के पूर्व कुलपति डॉ फिरोज अहमद, रांची विवि के रजिस्ट्रार डॉ एके चौधरी, पूर्व डीन डॉ अहमद सज्जाद सहित कई लोगों ने संबोधित किया. आगंतुकों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ मंजर हुसैन ने किया. इस अवसर पर डीन डॉ एसएनपी सिंह शाही सहित कई शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित थे.
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