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विकसित किया जायेगा दामोदर का किनारा

रांची: लातेहार से निकल कर पश्चिम बंगाल तक जानेवाली दामोदर नदी के दिन बहुरेंगे. नमामि गंगे प्रोजेक्ट की तरह ही झारखंड में बहनेवाली इस नदी के किनारे को विकसित किया जायेगा. इस नदी के किनारे पड़नेवाले शहरों के सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त किये जायेंगे, जिससे नदी में आनेवाला प्रदूषित जल को साफ किया जा सके. नदी […]

रांची: लातेहार से निकल कर पश्चिम बंगाल तक जानेवाली दामोदर नदी के दिन बहुरेंगे. नमामि गंगे प्रोजेक्ट की तरह ही झारखंड में बहनेवाली इस नदी के किनारे को विकसित किया जायेगा. इस नदी के किनारे पड़नेवाले शहरों के सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त किये जायेंगे, जिससे नदी में आनेवाला प्रदूषित जल को साफ किया जा सके. नदी के किनारे पौधरोपण किया जायेगा. इन किनारों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है.

भारत सरकार ने राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी है. पिछले सप्ताह दिल्ली में भारत सरकार के अधिकारियों के साथ राज्य के स्टेट प्रोग्राम मैनेजमेंट ग्रुप (एसपीएमजी) के सदस्यों की बैठक हुई. इसमें नमामि गंगे की तरह दामोदर नदी को भी विकसित करने पर सहमति बनी. राज्य सरकार इससे संबंधित विस्तृत योजना बना कर केंद्र के पास जमा करायेगी. राज्य में नमामि गंगे प्रोजेक्ट एसपीएमजी ही देख रहा है.

केंद्रीय मंत्री ने दिया था आश्वासन : सरकार इस नदी के किनारों (करीब 300 किमी) को विकसित करने की योजना काफी पहले ही बना चुकी थी. इसी साल केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री उमा भारती झारखंड दौरे पर आयी थी. इस प्रोजेक्ट में उन्होंने भी मदद का आश्वासन दिया था. इस प्रोजेक्ट में वन व पर्यटन विभाग का भी सहयोग लिया जायेगा. नदी को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.
सबसे प्रदूषित नदी है
दामोदर नहीं फिलहाल सबसे प्रदूषित नदियों में एक है. इसको विकसित करने और इसकी सफाई को लेकर झारखंड में अभियान भी चलाये जा रहे हैं. झारखंड में दामोदर नदी करीब 300 किलोमीटर लंबी है. दामोदर बेसिन करीब 16,93380 हेक्टेयर में है. इस नदी को पश्चिम बंगाल के शोक के रूप में जाना जाता था. इसका उद्गम स्थल लोहरदगा और लातेहार जिले की सीमा बोदा पहाड़ के पास चूल्हा पानी में है.
यहां से होकर गुजरती है नदी
दामोदर नदी झारखंड में लातेहार, लोहरदगा, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह से गुजरती है.
‘‘भारत सरकार दामोदर के किनारे को विकसित करने पर सहमत हो गयी है. राज्य सरकार ने भारत सरकार से आग्रह किया था कि नाममि गंगे प्रोजेक्ट में दामोदर के किनारे को भी शामिल किया जाये. राज्य सरकार दामोदर के किनारे को विकसित करने के लिए डीपीआर बना रही है. डीपीआर बनाने का काम अंतिम चरण में है.
राजेश शर्मा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एसपीएमजी

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