रामगढ़: झारखंड के मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने रविवार को छत्तरमांडू स्थित नवनर्मित रामगढ़ न्यायालय भवन का निरीक्षण किया. उनके साथ हाइकोर्ट के जस्टिस पीपी भट्ट, जोनल जज प्रशांत कुमार, जस्टिस पी पटनायक, रजिस्ट्रार जनरल अनिल चौधरी, झालसा के सदस्य सचिव नवनीश कुमार व हजारीबाग के जिला व सत्र न्यायाधीश विष्णुकांत सहाय भी थे.
निरीक्षण के बाद जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने कहा कि सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में रामगढ़ जिला सत्र न्यायालय का उदघाटन हो सकता है. उन्होंने बताया कि हजारीबाग से काट कर रामगढ़ का कार्य प्रारंभ करना है. शुरुआत में 11 से 12 न्यायाधीशों की पदस्थापना रामगढ़ में की जायेगी. कुछ दिन बाद और न्यायाधीशों की पदस्थापना की जायेगी. उन्होंने रामगढ़ के उपायुक्त व एसपी से न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई दिशा -निर्देश दिये.
मुख्य न्यायाधीश ने जेल की व्यवस्था को लेकर जेल अधीक्षक को भी दिशा -निर्देश दिये. मुख्य न्यायाधीश समेत अन्य न्यायाधीशों ने नवनिर्मित न्यायालय भवन का भी निरीक्षण किया. भवन निर्माण विभाग के अभियंताओं को कई दिशा -निर्देश दिये. भवन निर्माण विभाग को न्यायालय भवन के समक्ष झरना निर्माण कराने को कहा. नवनिर्मित न्यायालय भवन परिसर में मुख्य न्यायाधीश को जिला पुलिस बल ने गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया. उपायुक्त ए दोड्डे व एसपी डॉ एम तमिल वाणन ने मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीशों को बुके देकर स्वागत किया. न्यायाधीशों ने जिला के अधिकारियों के साथ बैठक की. भवन निर्माण विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा भी मौजूद थीं.
रामगढ़ अधिवक्ता संघ का प्रतिनिधिमंडल मिला
रामगढ़ अधिवक्त संघ का प्रतिनिधिमंडल भी मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने अधिवक्ताओं के बैठने के लिए भवन आदि बनाने की मांग की. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने उपायुक्त को शीघ्र अस्थायी तौर पर अधिवक्ताओं के बैठने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. प्रतिनिधिमंडल में रामगढ़ अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, सचिव सीता राम, बीडी गोप, आनंद अग्रवाल, चंद्रिका सिंह आदि शामिल थे.