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इंटक और एचएमएस का होगा विलय !
मनोज सिंह रांची : केंद्रीय ट्रेड यूनियन इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) और हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) विलय की संभावना पर विचार कर रहे हैं. दोनों यूनियनों की ओर से 10 सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है. दोनों यूनियनों से पांच-पांच सदस्यों को रखा गया है. कमेटी की एक बैठक हो चुकी है. दूसरी बैठक […]
मनोज सिंह
रांची : केंद्रीय ट्रेड यूनियन इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) और हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) विलय की संभावना पर विचार कर रहे हैं. दोनों यूनियनों की ओर से 10 सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है. दोनों यूनियनों से पांच-पांच सदस्यों को रखा गया है. कमेटी की एक बैठक हो चुकी है.
दूसरी बैठक नागपुर में होने की संभावना है. कमेटी में दोनों यूनियनों के अध्यक्षों के अतिरिक्त अन्य सदस्यों को रखा गया है. एचएमएस की ओर से अध्यक्ष शरद राव, महासचिव एचएस सिद्धू के अतिरिक्त एडी नागपाल, डीआर बोस को भी रखा गया है.
2791 यूनियनों को है एचएमएस से मान्यता
हिंद मजदूर सभा से 2791 यूनियनों तथा फेडरेशनों की मान्यता है. इसकी स्थापना 1948 में हुई थी. अभी 3.3 मिलियन सदस्य होने का दावा किया जा रहा है. इंटक की स्थापना 1947 में हुई थी. संस्था अभी पांच लाख से ऊपर सदस्य होने का दावा करती है. इंटक से संबद्ध कई यूनियनों को सेल, कोल इंडिया, ऑयल कंपनियों में मान्यता है. इन यूनियनों के प्रतिनिधि, मजदूरों और प्रबंधन के साथ गठित कई कमेटियों में सदस्य भी हैं.
इंटक को लेकर होता रहा है विवाद
असली इंटक कौन है, इसको लेकर विवाद होता रहा है. कांग्रेस के ही पूर्व सांसद ददई दुबे कई बार अपने को असली इंटक चलाने का दावा करते रहे हैं. इसको लेकर कई बार मामला अदालत में भी चला है.
अब कानपुर (यूपी) के रहनेवाले केके त्रिपाठी असली इंटक होने का दावा करने लगे हैं. वर्तमान सरकार के श्रम मंत्रालय ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ आयोजित बैठक में केके त्रिपाठी को निमंत्रण दिया था. रामेश्वर सिंह फौजी दोनों नेताओं को फरजी बताते हुए खुद को झारखंड इंटक का अध्यक्ष बताने लगे हैं.
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