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हाइकोर्ट की कार्यसंस्कृति में हो रहे नित नये बदलाव
एक नवंबर 2014 को झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाये गये जस्टिस वीरेंदर सिंह, उनके कार्यकाल में सुनवाई के लिए मामलों की सूची के तरीकों में बदलाव करने का निर्देश दिया केस फाइलिंग के समय ई-मेल एड्रेस व फोन नंबर देना आवश्यक किया गया शिक्षा के अधिकार व शिक्षण शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी पर संज्ञान […]
एक नवंबर 2014 को झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाये गये जस्टिस वीरेंदर सिंह, उनके कार्यकाल में
सुनवाई के लिए मामलों की सूची के तरीकों में बदलाव करने का निर्देश दिया
केस फाइलिंग के समय ई-मेल एड्रेस व फोन नंबर देना आवश्यक किया गया
शिक्षा के अधिकार व शिक्षण शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी पर संज्ञान लिया
रांची : झारखंड हाइकोर्ट की कार्यशैली में पिछले छह माह से नित नये बदलाव हो रहे हैं. न्यायिक क्षेत्र के अलावा प्रशासनिक स्तर पर भी बदलाव दिखने लगा है. जम्मू व कश्मीर के सीनियर जज वीरेंदर सिंह द्वारा झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस का पद संभालने के बाद से ही कार्यसंस्कृति में बदलाव के संकेत मिलने लगे थे. अब वह सुधार निचले स्तर पर भी दिखने लगा है.
जस्टिस वीरेंदर सिंह एक नवंबर 2014 को झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाये गये. शुरुआत में उन्होंने सुनवाई के लिए मामलों की लिस्टिंग के तरीकों में बदलाव करने का निर्देश दिया था. आवश्यक, अति आवश्यक मामलों की सुनवाई के लिए समय व तिथि निश्चित होने लगी.
केस मेंसनिंग के सिस्टम में भी बदलाव किया गया. केस सुनवाई से संबंधित डिस्प्ले बोर्ड को ऑनलाइन किया गया. केस फाइलिंग के समय ई-मेल एड्रेस व फोन नंबर देना आवश्यक किया गया, ताकि फोन पर ही केस से संबंधित जानकारी मैसेज के माध्यम से दी जा सके.
नये हाइकोर्ट बिल्डिंग का निर्माण शुरू
नगड़ी अंचल के तिरिल मौजा (धुर्वा) में 165 एकड़ जमीन पर नये हाइकोर्ट परिसर बनाया जाना है. मुख्यमंत्री रघुवर दास व चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह ने संयुक्त रूप से हाइकोर्ट बिल्डिंग के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया. इसके निर्माण के लिए सरकार ने 366 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से डोरंडा स्थित हाइकोर्ट परिसर में बननेवाले जी प्लस थ्री एनेक्सी बिल्डिंग का चीफ जस्टिस ने शिलान्यास किया था.
उक्त बिल्डिंग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. एक साल के अंदर भवन को पूरा करने के लिए कहा गया है. वहीं, चीफ जस्टिस श्री सिंह ने धुर्वा में निर्माणाधीन झारखंड ज्यूडिशियल एकेडमी बिल्डिंग को सितंबर माह तक हैंड ओवर करने का निर्देश दिया है. उक्त निर्देश के बाद बिल्डिंग का शेष कार्य तेजी से चल रहा है.
कई मुद्दों पर लिया है स्वत: संज्ञान
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह ने अब तक के अपने कार्यकाल के दौरान जनता से जुड़े कई मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लिया है. शिक्षा के अधिकार व शिक्षण शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी पर संज्ञान लिया था. स्कूलों में शौचालय व बुनियादी सुविधाओं की कमी को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया.
राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे हजारों पेड़ काटने व पेड़ नहीं लगाने पर भी चीफ जस्टिस ने संज्ञान लिया. उन्होंने विभिन्न जिलों से गायब हो रहे पहाड़ों के मामले में संज्ञान लिया. गुमला जिले से 35 बच्चों को नक्सलियों द्वारा उठा कर ले जाने की खबर को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. इतना ही नहीं विद्युत बोर्ड के 7,000 करोड़ के बकाया मामले को भी चीफ जस्टिस ने गंभीरता से लिया था. इसके बाद बिजली से जुड़े लंबित मामलों की तेजी से सुनवाई होने लगी.
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