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दूसरा सत्र : सुभाष कश्यप ने कहा, अब नहीं दिखता नेता में त्याग व सेवा का भाव
रांची : लोकसभा के पूर्व महासचिव सह संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में नेताओं के आदर और सम्मान में कमी आयी है. नेता जनता का विश्वास खो रहे हैं. यह संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा है. अब राजनीति में आने का उद्देश्य बदल गया है. पहले जैसा त्याग व सेवा […]
रांची : लोकसभा के पूर्व महासचिव सह संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में नेताओं के आदर और सम्मान में कमी आयी है. नेता जनता का विश्वास खो रहे हैं. यह संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा है. अब राजनीति में आने का उद्देश्य बदल गया है.
पहले जैसा त्याग व सेवा का भाव देखने को नहीं मिलता है. नेताओं को अपना घर छोड़ कर जनता की सेवा के लिए निकलना होगा. श्री कश्यप विधानसभा की ओर से आयोजित कार्यशाला के दूसरे सत्र में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अंग्रेज चले गये, लेकिन आज तक सत्ता का हस्तांतरण नहीं हुआ है. देश की जनता आज भी प्रजा बनी हुई है.
श्री कश्यप ने कहा कि पिछले 65 वर्षो का सत्ता परिवर्तन शांतिपूर्ण रहा है. संसदीय लोकतंत्र में सत्ता संघर्ष स्वभाविक और वैध है. विधायिका जनता और सरकार के बीच कड़ी का काम करती है.
कानून बनाने का काम विधायिका का है, लेकिन अब इसमें कार्यपालिका का हस्तक्षेप हो रहा है. जब विधायिका कार्यपालिकाका काम करना चाहेगी, तो समस्याएं उत्पन्न होंगी. विधायिका का काम कार्यपालिका का उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना है. सरकार के काम काज पर निगरानी रखना है. हस्तक्षेप करना नहीं. कार्यपालिका विधायिका का अभिन्न अंग है. विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका सभी में कुछ न कुछ कमी है.
अब लोकतंत्र से डर लगने लगा : नामधारी
झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र प्रणाली के सिद्धांत और व्यवहार में काफी फर्क दिखता है. विधायिका से कार्यपालिका में जाने वाले लोग ही इसका ज्यादा अपमान करते हैं. ऐसे समय में विधायिका बौनी हो जाती है.
उन्होंने कहा कि विधानसभा की समिति जांच के उपरांत संबंधित अफसर के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा करती है. वहीं दूसरी तरफ सरकार उसे प्रोन्नत कर उसी क्षेत्र में पदस्थापित कर देती है. यही नहीं विधानसभा समितियों की अनुशंसाओं को पढ़ा तक नहीं जाता है. मैं लोकतंत्र का प्रबल समर्थक हूं, लेकिन अब इससे डर लगने लगा है. ब्यूरोक्रेसी हावी है.
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