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नयी शिक्षा नीति 2015 पर प्रांतीय संगोष्ठी में शिक्षा मंत्री ने कहा, अंक से न आंके बच्चों की प्रतिभा
रांची : शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों की प्रतिभा को अंकों में न आंके. सभी बच्चों में कुछ न कुछ अलग प्रतिभा होती है. उनकी प्रतिभा को पहचान कर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के तत्वावधान में नयी शिक्षा नीति 2015 विषय पर आयोजित प्रांतीय […]
रांची : शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों की प्रतिभा को अंकों में न आंके. सभी बच्चों में कुछ न कुछ अलग प्रतिभा होती है. उनकी प्रतिभा को पहचान कर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के तत्वावधान में नयी शिक्षा नीति 2015 विषय पर आयोजित प्रांतीय संगोष्ठी में शिक्षा मंत्री ने ये बातें कहीं. संगोष्ठी का आयोजन डोरंडा स्थित वन भवन में किया गया था.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभिभावक बच्चों पर अपनी इच्छाएं थोपते हैं. बच्चों की पढ़ाई को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ते हैं, यह गलत है. उन्होंने कहा कि देश में नयी शिक्षा नीति लागू करने की आवश्यकता है. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से कार्रवाई शुरू की गयी है.
अब तक कुछ शिक्षाविद व अधिकारियों द्वारा बंद कमरे में शिक्षा नीति बनी बनायी जाती थी. नयी शिक्षा नीति के लिए केंद्र सरकार ने लोगों से सुझाव मांगे हैं. पाठय़क्रम में देश के महापुरुषों व देशभक्तों की जीवनी समावेश करने की आवश्यकता है. आज शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना में कमी आयी है. इसलिए नैतिक शिक्षा की आवश्यकता है. झारखंड में नैतिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है.
कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राम प्रवेश प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षा वह साधन है जिससे हम दुनिया को बदल सकते हैं. आज शिक्षा का मूल उद्देश्य डिग्री प्राप्त करना हो गया है. कार्यक्रम में भारतीय शिक्षा नीति आयोग के अध्यक्ष डॉ महेंद्र प्रसाद सिंह, ओंकार नाथ सिन्हा, विजय कुमार सिंह, डॉ जटाधर दूबे, विवेकानंद झा समेत अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
समस्या नहीं, समाधान की बात करें : अतुल भाई कोठारी
शिक्षा उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी ने कहा कि आज हमें व्यावहारिक व संस्कारी शिक्षा की आवश्यकता है. हम केवल समस्या की बात करते हैं, जबकि हमें समाधान की बात भी करनी चाहिए. किसी भी क्षेत्र में बदलाव की शुरुआत हमें खुद से करनी होगा. जिस देश में जनता हर चीज के लिए सरकार पर निर्भर हो जाये उस देश में लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता.
पश्चिमी प्रभाव से मुक्त हो शिक्षा : डॉ रमेश पांडेय
रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश पांडेय ने कहा कि हमें वैसी शिक्षा देनी चाहिए जिससे विद्यार्थी में भारतीयता की भावना आये. हमें अपनी शिक्षा को पश्चिमी प्रभाव से मुक्त करना चाहिए.
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