एजेंसियां, नयी दिल्लीलघु इकाई विकास एवं पुनर्वित्त एजेंसी (मुद्रा बैंक) को परिचालन में लाने के लिए एक विधेयक संसद की शीतकालीन सत्र में पेश किये जाने की संभावना है. मुद्रा बैंक के सीइओ जीजी मेम्मन ने यहां एसोचैम के कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चर्चा के अनेक दौर हुए हैं, लेकिन यह अब भी मसौदे के चरण में है. हमें लगता है कि शीतकालीन सत्र तक इसे संसद में पेश किया जा सकता है.मेम्मन ने कहा कि नीति को अंतिम रूप दिया जा चुका है. भागीदारों के लिए पात्रता दायरे को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है. हमने 122 भागीदार पहले ही नामांकित किये हैं, जिनमें 73 बैंक, 25 लघु वित्त संस्थान व 23-24 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां हैं. मुद्रा विधेयक के जरिये एक ऐसे वित्तीय संस्थान की स्थापना की जानी है, जो कि 5.77 करोड़ लघु एवं सूक्ष्म उपक्रमों (एमएसएमइ) की वित्तपोषण जरूरतों को पूरा करेगा. मुद्रा बैंक की शुरुआती पूंजी 250 करोड़ रुपये है और वह मार्च तक बैंकों के जरिये 20000 करोड़ रुपये का कर्ज देना चाहता है. सीइओ ने कहा कि बैंक को 5,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त पहले ही मिल चुकी है और वह कर्ज दे रहा है.
शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है मुद्रा बैंक बिल
एजेंसियां, नयी दिल्लीलघु इकाई विकास एवं पुनर्वित्त एजेंसी (मुद्रा बैंक) को परिचालन में लाने के लिए एक विधेयक संसद की शीतकालीन सत्र में पेश किये जाने की संभावना है. मुद्रा बैंक के सीइओ जीजी मेम्मन ने यहां एसोचैम के कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चर्चा के अनेक दौर […]
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