रांची: नेताजी ने कहा था : आप मुङो खून दें, मैं तूङो आजादी दूंगा. मैं कहता हूं आप मुङो छोटा बच्च दें, आपके परिवार, खानदान तो क्या, गांव और देश को बदल दूंगा.
पैरेंट्स की मीटिंग में वर्ल्ड बुद्धा फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ हरिनारायण चतुव्रेदी उर्फ हरीश सांकृत्यान यह सब कहा करते थे. वह कहते थे : मेरे हाथ में जादू है. यह जादू पीसी सरकार वाला नहीं है. पूरी तरह साइंटिफिक है. यह एक तरह का एक्सपेरिमेंट है. वीडियो टेप से यह पता चलता है कि डॉ चतुव्रेदी ‘साइको डायनमिक’ विधि से वह बच्चों के कैरेक्टर को बदलने का दावा करते थे. पैदा होने के बाद बच्चों में चेंज ला सकते हैं. गाजिर्यन बता दें बच्चे को आइएएस, आइपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर क्या बनाना चाहते हैं. हम बना देंगे.
खतरे में बच्चों की जिंदगी
डॉ चतुव्रेदी की इन बातों से साफ है कि हाई क्यू इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों पर प्रयोग किया जाता है. प्रयोग, बच्चों का भविष्य उनके माता-पिता की इच्छानुसार बनाने के लिए किया जाता था. इस कारण बच्चों में डिप्रेशन आ जाता है.
डिप्रेस्ड बच्चों का इलाज न तो सही तरीके से किया जाता है और न ही उनके परिवार को बताया जाता है. सामान्य चिकित्सकों से इलाज करा कर स्कूल प्रबंधन पल्ला झाड़ लेता है. मनोचिकित्सक के पास नहीं ले जाया जाता है. विदिशा के मामले में भी यही हुआ है. उसके पिता का आरोप है कि विदिशा बीमार थी, इस बात की खबर उन्हें कभी नहीं दी गयी, जबकि अब पता चल रहा है कि उसे अक्सर रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में भरती कराया जाता था. इस अस्पताल के चिकित्सक के मुताबिक उसे मनोचिकित्सक से दिखाने की सलाह दी गयी थी. यह भी पता चला है कि हाई-क्यू इंटरनेशनल स्कूल की और लड़कियां भी डिप्रेशन की शिकार हैं.