रांची: एनजीओ के सदस्य बन कर नामकुम में ग्रामीणों से पैसे की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. कृषि ग्रामीण विकास केंद्र, इरबा नामक संस्था के अधिकारी बन कर दो लोग कई माह से इलाके में गोरखधंधा चला रहे थ़े रविवार को नामकुम थाना क्षेत्र के कोचबोंग गांव में ग्रामीणों ने शेख सलाउद्दी (ओड़िशा) और शेख सलाउद्दीन (डोरंडा) को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया.
ग्रामीणों के अनुसार दोनों ने उनसे कांट्रैक्ट फार्मिग के तहत औषधीय पौधों की खेती कराने व सरकार को टैक्स जमा करने के नाम पर पैसों की मांग की थी. गांव के ग्राम प्रधान निरल होरो से अश्वगंधा की खेती करने की बात कही थी. बीज के लिए 10 हजार रुपये लिये थे. रविवार को टैक्स के नाम पर 12207 रुपये लेने के लिए नामकुम पहुंचे थे. ग्रामीणों को उनकी गतिविधियों पर शक हुआ.
ग्रामीण रूक्का स्थित कृषि ग्राम विकास केंद्र (केजीवीके) के कार्यालय गये और जांच पड़ताल की, तो पता चला कि संस्था ऐसी कोई योजना नहीं चला रही है. रविवार को उनके गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने दोनों को घेर लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. ग्राम प्रधान निरल होरो ने बताया कि दोनों अपना नाम प्रफुल्ल धान व बाली भगत बताते थे. वहीं खुद को केजीवीके रूक्का के अधिकारी बताते थे. दोनों दुमका में कनीय अभियंता के पद पर कार्यरत हुलहुंडू निवासी प्रकाश बिरुआ से 17 हजार की ठगी कर चुके हैं.