रांची: हड्डी टूट जाये, तो जुड़ जायेगी. हाथ-पैर भी कृत्रिम लगाये जा सकते हैं. लेकिन रक्त का कोई विकल्प नहीं है. रक्तदान के महत्व को बताने की जरूरत नहीं है. रक्तदान शरीर को भी स्वस्थ बनाता है. रक्त की इसी महत्ता के मद्देनजर राज्य के सबसे ऊंचे प्लेटफॉर्म पर रक्तदान शिविर लगाया गया है. उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही.
वह प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से आयोजित तीन दिवसीय (26-28 सितंबर) रक्तदान शिविर के उदघाटन के मौके पर बोल रहे थे. श्री सोरेन ने कहा: बीमारी या दुर्घटना के वक्त हमें रक्त के महत्व का पता चलता है.
हमारे राज्य में बड़ी संख्या में बच्चे व महिलाएं एनिमिक हैं. कई बच्चों को थैलेसीमिया की बीमारी है. अभी डेंगू ने पांव पसारा था. इन सभी मामले सहित महिलाओं की डिलिवरी में भी रक्त की जरूरत होती है. हम ऐसी व्यवस्था बनायेंगे, जिसमें कोई रक्त के अभाव में न मरे. उन्होंने कहा कि अभी रक्त की उपलब्धता कुल जरूरत का सिर्फ 25 फीसदी है. मुख्यमंत्री ने सभी सचिवों, अधिकारियों व कर्मचारियों से रक्तदान करने का आग्रह किया.
स्वास्थ्य सचिव राजेंद्र सिंह ने कहा कि मुसीबत में रक्त खोजने पर नहीं मिलता. उन्होंने रक्तदान के लिए एड्स कंट्रोल सोसाइटी की विशेष बस को हर जिले में ले जाने की बात कही. पशुपालन व आपदा प्रबंधन मंत्री मन्नान मल्लिक ने इसका आयोजन करनेवाले सभी लोगों को बधाई दी तथा हर जिले में रक्तदान अभियान चलाने का आग्रह किया. इससे पहले स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमलोगों से ब्लड बैंक की स्थिति पूछी थी. कार्यक्रम का संचालन सरोज झा व धन्यवाद ज्ञापन एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ बीपी चौरसिया ने किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, नगर विकास सचिव अरुण कुमार सिंह तथा स्वास्थ्य विभाग व सोसाइटी के पदाधिकारी उपस्थित थे.