सैन्यकर्मियों के नरसंहार में शामिल उग्रवादियांे का पता लगाने और उनके सफाये के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया गया. मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा बंद कर दी गयी, ताकि उग्रवादी पड़ोसी देश न भाग पायें. गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व मंे एक उच्चस्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए. उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य मंे सैन्यकर्मियों पर घात लगाकर किये गये हमले के बाद उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया.गृह मंत्री ने आदेश दिया कि हमले मंे शामिल किसी भी उग्रवादी को छोड़ा नहीं जाना चाहिए. सभी उग्रवादियांे के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए. केंद्र ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया और निर्देश दिया कि मणिपुर और नगालैंड मंे सुरक्षा बलों के सभी प्रतिष्ठान उग्रवादियों के हमले के किसी भी नये प्रयास को लेकर हाई अलर्ट पर रहें. राजनाथ ने कहा कि सैनिकों की कुरबानियां बेकार नहीं जायेंगी.सूत्रों ने कहा कि देश का शीर्ष सुरक्षा धड़ा इतनी बड़ी संख्या मंे सैन्यकर्मियों की मौत से नाराज है. उन्हांेने फैसला किया है कि उग्रवादी समूहों पर लगाम कसने का एकमात्र तरीका बेहतर समन्वय से अभियान चलाना और कठोरतम कार्रवाई करना है.
उग्रवादियांे के सफाये के लिए आक्रामक अभियान शुरू
सैन्यकर्मियों के नरसंहार में शामिल उग्रवादियांे का पता लगाने और उनके सफाये के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया गया. मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा बंद कर दी गयी, ताकि उग्रवादी पड़ोसी देश न भाग पायें. गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व मंे एक उच्चस्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, […]
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