रांची: राष्ट्र आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. हम सौभाग्यशाली हैं कि चुनौती के बीच भी गुजारा कर पा रहे हैं. देश के 67 प्रतिशत लोग भुखमरी के शिकार हैं. 20 प्रतिशत लोग 20 रुपये प्रतिदिन में गुजारा कर रहे हैं. हजारों लोग कुपोषण से मर रहे हैं. किसान आत्महत्या कर रहे हैं. ऐसे में सांसद और विधायकों को मिलनेवाले विशेषाधिकार को कम किया जाना चाहिए.
यह बातें राज्यसभा सांसद सह पांचजन्य के पूर्व संपादक तरुण विजय ने कही. वह बुधवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में अंत्योदय फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. गोष्ठी का विषय वर्तमान, आर्थिक, दुर्दशा का समाधान-दीन दयाल जी की दृष्टि था.
श्री विजय ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए एकात्म मानववाद की स्थापना जरूरी है. पंडित दीनदयाल भी इसी के पक्षधर थे. दरिद्रता अभिशाप नहीं है. हमें परिवार, समाज, राज्य और राष्ट्र सभी को लेकर चलना होगा. जब तक हम संबंध का अनुभव नहीं करेंगे, तब तक समाज खड़ा नहीं हो सकता है. सिर्फ लाल-पीली बत्ती लगा कर चलने से कोई बड़ा नहीं बन जाता है. यह सिर्फ अहंकार और बड़प्पन की निशानी है. हमें सांसद, विधायक नहीं, एक सच्च हिंदुस्तानी बनना चाहिए. जिस दिन जनता जाग गयी, उस दिन भ्रष्टाचार समाप्त हो जायेगा. सांसद, विधायक जनता के पीछे चलेंगे. लोगों की आकांक्षाओं को बढ़ा कर नये भारत का निर्माण करना होगा. अगर ऐसा हुआ तो एक रुपये की कीमत 68 डॉलर के बराबर होगी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्ञान प्रकाश जालान ने की. इस अवसर पर डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, जेठा नाग, प्रकाश कामत, गंगा यादव, देव्रत पाहन, ओमप्रकाश केजरीवाल, पवन मंत्री, राजीव केडिया, अरुण बुधिया, गामा सिंह, बालमुकुंद सहाय, प्रेम मित्तल, मोहन लाल केशरी, सत्येंद्र कुमार मल्लिक, राजकुमार गुप्ता, शिवपूजन पाठक समेत कई लोग उपस्थित थे.