रांची: नर्सिग महिलाओं के अनुकूल और सम्मानजनक पेशा है. यही वजह है कि इस पेशे में हर समुदाय व धर्म की युवतियां-महिलाएं आ रही हैं. केरल की नर्से भारत सहित मध्य पूर्व के देशों के अस्पताल में भी बड़ी संख्या में हैं. अपनी सेवा भावना व कार्य शैली के लिए ये विख्यात हैं. झारखंड में भी युवतियों का रुझान इस पेशे की ओर बढ़ा है. अब तो जनजातीय समुदाय की लड़कियां भी नर्सिग के क्षेत्र में खूब आ रही हैं.
राज्य भर के सरकारी व निजी स्कूलों में इनकी संख्या काफी है. नर्सिग काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार राज्य के सरकारी व निजी क्षेत्र में कुल 63 संस्थान हैं. यहां सीटों की कुल संख्या 1980 है.
नर्सिग स्कूलों में एएनएम, जीएनएम, बीएससी नर्सिग व पोस्ट बेसिक बीएससी (पीबी) नर्सिग संस्थान शामिल हैं. पोस्ट बेसिक कोर्स में नामांकन जीएनएम पास विद्यार्थियों का होता है.आमतौर पर एएनएम व जीएनएम स्कूलों में लड़कियां ही नामांकन लेती है. वहीं बीएससी नर्सिग व पीबी बीएससी नर्सिग संस्थानों में लड़के व लड़कियां दोनों नामांकन लेते हैं.