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निगरानी ब्यूरो बना एसीबी

सरकार को सूचित कर जांच शुरू करेगा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्य सचिव ने एसीबी की शक्तियों को बढ़ाने की पहल की भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और स्वच्छ प्रशासन उपलब्ध कराने को लेकर बैठक रांची : भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और स्वच्छ प्रशासन उपलब्ध कराने के विषय पर मुख्य सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में बैठक […]

सरकार को सूचित कर जांच शुरू करेगा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो
मुख्य सचिव ने एसीबी की शक्तियों को बढ़ाने की पहल की
भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और स्वच्छ प्रशासन उपलब्ध कराने को लेकर बैठक
रांची : भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और स्वच्छ प्रशासन उपलब्ध कराने के विषय पर मुख्य सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें कैबिनेट द्वारा पारित किये गये भ्रष्टाचार संबंधी मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए विशेष न्यायालय का गठन और भ्रष्ट अफसरों की संपत्ति जब्त करने के लिए निगरानी ब्यूरो के कार्यो और उसकी शक्तियों को बढ़ाने की कार्यवाही को अंतिम रूप दिया गया. तय किया गया कि निगरानी ब्यूरो अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के नये नाम से जाना जायेगा.यह निगरानी आयुक्त के पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण की विशेष इकाई के रूप में कार्यरत होगा.
एसीबी में समर्पित पदाधिकारी एवं कर्मी पदस्थापित एवं प्रतिनियुक्त किये जायेंगे. इन कर्मियों को मेधा एवं स्वच्छता के आधार पर नियुक्त किया जायेगा. एसीबी में तकनीकी परीक्षण कोषांग भी होगा. इसमें चार्टर्ड एकाउंटेंट, लेखा परीक्षकों एवं अन्य विशेषज्ञ विभागीय पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जायेगी.
बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग के प्रधान सचिव, कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव, निगरानी ब्यूरो के पुलिस महानिरीक्षक समेत अन्य अधिकारी शामिल थे.
धनबाद में भी निगरानी कोषांग शुरू किया जायेगा
बैठक में यह भी फैसला किया गया कि प्रमंडलवार पुलिस अधीक्षक स्तर के पदाधिकारी के नेतृत्व में ब्यूरो काम करेगा. इसके अलावा धनबाद में भी एक निगरानी कोषांग शुरू किया जायेगा. यह कोयला प्रक्षेत्र के जिलों (धनबाद एवं बोकारो) में कोल सेक्टर में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा.
ब्यूरो के इन कोषांगों में पुलिस उपाधीक्षक एवं पुलिस निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी भी प्रतिनियुक्त किये जायेंगे. उनकी प्रतिनियुक्ति या पदस्थापना एक उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा पर की जायेगी. ब्यूरो में पदस्थापित पदाधिकारियों की कालावधि में उनको विशेष वेतन व भत्ता दिया जायेगा. एसीबी को सभी मामलों के अनुसंधान के क्रम में सरकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी. ऐसी व्यवस्था रहेगी कि वह केवल सरकार को सूचना देकर जांच शुरू कर सकेगा.
मुकदमे की प्रक्रिया भी सरल बनायी जायेगी
एसीबी के लिए मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया भी सरल बनायी जायेगी. एसीबी भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मियों को जांच करने एवं आय से अधिक संपत्ति के मामलों में गोपनीय ढंग से सूचना संग्रहण करने के लिए स्वतंत्र होगा. बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक विभाग में एक मुख्य सतर्कता पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. सतर्कता पदाधिकारी विभाग से संबंधित मामलों में नव गठित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को अनुसंधान एवं निष्पादन में सक्रिय सहयोग प्रदान करेंगे. इन मुख्य सतर्कता पदाधिकारियों की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से निगरानी आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी.

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