रांची: पैदल या फिर वाहन से मोरहाबादी मैदान जाना अब खतरनाक हो गया है. पूरे मैदान में इधर-उधर लोहे की कांटियां बिखरी पड़ी हैं. इसकी वजह मैदान में आयोजित होनेवाले मेले व रैली हैं. आयोजन के लिए बड़े-बड़े पंडाल तो बना दिये जाते हैं, पर कार्यक्रम समाप्त होते ही आयोजक सही ढंग से सफाई नहीं कराते है.
टेंट, शमियाना, तिरपाल लगानेवाले कार्यक्रम की समाप्ति के बाद अपने सामान वाहन में लोड कर चले जाते हैं, लेकिन कांटियां वहीं छोड़ देते हैं. मैदान की देखरेख का जिम्मा लिये जिला प्रशासन भी इसकी सफाई पर गंभीरता नहीं दिखा रहा. आयोजन खत्म होने के बाद मैदान की सफाई को लेकर कड़े कदम नहीं उठाता.
मॉर्निग वॉकर हो रहे हैं घायल
सबसे अधिक परेशानी यहां सुबह में मॉर्निग वॉक करनेवालों को हो रही है. मैदान के चारों ओर कांटी होने के कारण उनका टहलना मुश्किल हो गया है. दर्जनों लोगों के पैरों के कांटियां चुभ चुकी हैं. कई के वाहनों के टायर पंर हो चुके हैं. मैदान में गाड़ी सीखने के उद्देश्य से पहुंचनेवाले लोग भी दूसरी जगह की तलाश कर रहे हैं.
मैदान बुकिंग की क्या है प्रक्रिया
मैदान में कार्यक्रम के आयोजन के लिए 15 दिन पहले आयोजक को जिला प्रशासन में आवेदन देना होता है. आयोजक से प्रति दिन की दर से 10 हजार रुपये शुल्क के रूप में लिये जाते हैं. जिला प्रशासन आयोजक के समक्ष यह शर्त रखता है कि वह कार्यक्रम के समापन के पश्चात मैदान को पूर्ववत स्थिति में सौंपेगा.