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आदिवासी समाज पर हो रहा है चौतरफा हमला : मरियानुस
रांची : आदिवासी समाज पर चौतरफा हमले हो रहे हैं. ये जानबूझ कर किये जा रहे हैं, ताकि आदिवासी समाप्त हो जायें. पारंपरिक आदिवासी व्यवस्था से भी खिलवाड़ किया जा रहा है. सभी सरकारें आदिवासी हित के संवैधानिक प्रावधानों के बारे में जानती हैं, पर कोई भी इन्हें जमीनी स्तर पर लागू नहीं करती. जिन […]
रांची : आदिवासी समाज पर चौतरफा हमले हो रहे हैं. ये जानबूझ कर किये जा रहे हैं, ताकि आदिवासी समाप्त हो जायें. पारंपरिक आदिवासी व्यवस्था से भी खिलवाड़ किया जा रहा है. सभी सरकारें आदिवासी हित के संवैधानिक प्रावधानों के बारे में जानती हैं, पर कोई भी इन्हें जमीनी स्तर पर लागू नहीं करती.
जिन कानूनों से आदिवासियों को नुकसान हो सकता है, वे तत्परता से लागू हो जाती हैं. यह बात शुक्रवार को फादर स्टेन स्वामी की पुस्तक ‘आदिवासी अस्तित्व पर सुनियोजित हमला’ के लोकार्पण के मौके पर मुख्य अतिथि, सोसाइटी ऑफ जीसस के प्रोविंसियल फादर जोसफ मरियानुस कुजूर ने कही.
दलित भी निशाने पर
उन्होंने कहा कि लोगों के हित में बने कानून हितों की रक्षा की गारंटी नहीं होते. बाजारीकरण सिर्फ आदिवासियों के ही नहीं, दलितों के जीवन पर भी विपरीत प्रभाव डाल रहा है. आदिवासियों के मामलों पर निर्णय में आदिवासियों की ही भूमिका नहीं होती. जरूरी है कि लोग मिल कर अपनी आवाज बुलंद करें.
कुछ लोगों को मिल जाते हैं लॉलीपॉल
फादर स्टेन स्वामी ने कहा कि जनता अंधकार में है. उन्हें राजनीतिक पार्टियों व नेताओं ने जानबूझ कर अंधेरे में रखा है. कुछ तेज- तर्रार लोगों को लॉलीपॉप थमा दिये जाते हैं. जल, जंगल, जमीन की लूट मची है. यह पुस्तक जनता को जागरूक करने का प्रयास है. कार्यक्रम में पुष्पा टेटे, फादर जेवियर सोरेंग, फादर पीयूष खलखो, सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला व अन्य मौजूद थे. आयोजन पुरुलिया रोड स्थित मनरेसा हाउस के डॉ कामिल बुल्के सभागार में किया गया. 50 पृष्ठ की इस पुस्तक की कीमत 50 रुपये रखी गयी है. प्रकाशन झारखंड एक्सप्रेस ने किया है.
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