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ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दें बैंक : रघुवर दास

रांची : बैंक शहरी क्षेत्र में तो काम कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में वे लक्ष्य से काफी पीछे रह जा रहे हैं. चाहे किसानों को लोन देने की बात हो या गांवों के बच्चों को एजुकेशन लोन, केसीसी का वितरण भी लक्ष्य से काफी पीछे है. यह बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं. […]

रांची : बैंक शहरी क्षेत्र में तो काम कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में वे लक्ष्य से काफी पीछे रह जा रहे हैं. चाहे किसानों को लोन देने की बात हो या गांवों के बच्चों को एजुकेशन लोन, केसीसी का वितरण भी लक्ष्य से काफी पीछे है.

यह बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं. श्री दास राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 51 वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बैंकर्स को निर्देश दिया कि समयबद्ध तरीके से इन लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में काम करें.

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक पैसे तो जमा लेते हैं, लेकिन उस अनुपात में लोन नहीं देते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की भी कमी है. ऐसे में बैंकों को चाहिए कि जिला प्रशासन की मदद से वे कैंप लगा कर लोन बांटे और कैंप लगा कर वसूली करें. झारखंड के ग्रामीण बैंक का पैसा ईमानदारी से लौटायें. श्री दास ने कहा कि राज्य में 40 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) देने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक 19 लाख किसानों को ही केसीसी दिये गये हैं.

बैंक तय करें कि कब तक यह लक्ष्य पूरा होगा. ऐसा स्मार्ट कार्ड लायें, जिससे किसान 50 हजार से एक लाख रुपये तक की राशि आसानी से प्राप्त कर सकें. एजुकेशन लोन मामले में राज्य में बैंकों द्वारा दिये जा रहे लोन पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभा की कमी नहीं है. उन्हें लोन देने में उदारता बरती जानी चाहिए.

ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम लगायें. कृषि लोन में सुधार की जरूरत है. महिलाओं को भी स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोन दें. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर बैंककर्मियों को आश्वस्त किया. उन्होंने प्रधानमंत्री जन धन योजना और बीमा सुरक्षा योजनाओं की सफलता के लिए बैंककर्मियों की पीठ भी थपथपाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए बैंकों ने अच्छा काम किया है.

इससे पहले विकास आयुक्त आरएस पोद्दार ने कहा कि स्कील डेवलपमेंट मिशन के तहत हर साल पांच लाख युवाओं को तैयार किया जाना है. बैंकों को चाहिए कि उन्हें स्वरोजगार के लिए ऋण प्रदान करें. बैंकों ने पिछले साल 18 हजार करोड़ का लोन दिया है, लेकिन जरूरत इससे ज्यादा की है.

बैंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक आरपी मराठे ने कहा कि बैंकों में प्रतियोगिता बढ़ रही है. झारखंड में कृषि क्षेत्र व प्राथमिक क्षेत्रों में लोन देने में परेशानी आ रही है. यहां बंधक संबंधी परेशानी भी है.

बैठक की अध्यक्षता बैंक के महाप्रबंधक आइएम मलिक ने की. नाबार्ड के महाप्रबंधक एस मंडल, आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक एमके वर्मा,महाप्रबंधक पैट्रिक बारला, मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव सुनील वर्णवाल, अतिरिक्त कृषि सचिव पूजा सिंघल, इलाहाबाद बैंक के महाप्रबंघक पार्था देव दत्ता समेत अन्य बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. बैंक ऑफ इंडिया के वरीय प्रबंधक अंजन मोइतरा ने बैठक का संचालन किया.

कई सचिवों की कुर्सियां खाली

बैठक के दौरान कई सचिवों के लिए रखी गयी कुर्सियां खाली रही. सात-आठ विभागों के सचिव बैठक में नहीं पहुंचे.

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