वाशिंगटन. पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका द्वारा भारत को हाल में प्रस्तावित किये गये तीन रक्षा समझौतों का लक्ष्य बेहतर सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है और यह देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करेगा, ना ही विदेशी सैन्य साजोसामान या आइटी प्रणालियांे की पहुंच बगैर मंजूरी के मुहैया करेगा. वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने बताया कि बुनियादी कहे जानेवाले रक्षा समझौते अमेरिका द्वारा विदेशी सैन्य साझेदारों के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं. ये नियमित समझौते हैं और आज की तारीख तक अमेरिका ने दुनिया भर के अपने साझेदार देशों के साथ ऐसे 100 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं. यहां के भारतीय पत्रकारों से बातचीत में तीन वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावित बुनियादी समझौतों का लक्ष्य दोनों के देशों के बीच गोपनीय सूचना और संवेदनशील प्रौद्योगीकियांे के आदान प्रदान को बढ़ावा देना है. अधिकारी ने बताया कि इसका लक्ष्य लागत कम करना भी है, जब अमेरिका नीत सैन्य प्रणालियों की खरीद और रखरखाव की जाये. इसका लक्ष्य द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में साजो सामान से जुड़ी चुनौतियों को भी कम करना है. चार बुनियादी समझौतों में ‘जनरल सेक्युरिटी ऑफ मिलिटरी इंफोरमेशन एग्रीमेंट पर 2002 में हस्ताक्षर हो चुका है.
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बुनियादी समझौते बेहतर रक्षा संबंधों को बढ़ावा देंगे : अमेरिका
वाशिंगटन. पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका द्वारा भारत को हाल में प्रस्तावित किये गये तीन रक्षा समझौतों का लक्ष्य बेहतर सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है और यह देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करेगा, ना ही विदेशी सैन्य साजोसामान या आइटी प्रणालियांे की पहुंच बगैर मंजूरी के मुहैया करेगा. वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने […]
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