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इमरजेंसी एंबुलेंस (108) के लिए एमओयू जुलाई में!

स्वास्थ्य विभागवरीय संवाददाता रांची स्वास्थ्य विभाग इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा (108) के लिए चयनित एजेंसी के साथ 15 जुलाई तक एमओयू कर लेगा. विभाग ने कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग के दौरान विकास आयुक्त को यह जानकारी दी. इससे संबंधित निविदा पत्र (टेंडर) तैयार कर लिया गया है. गौरतलब है कि राज्य में एंबुलेंस चलाने के लिए केंद्र […]

स्वास्थ्य विभागवरीय संवाददाता रांची स्वास्थ्य विभाग इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा (108) के लिए चयनित एजेंसी के साथ 15 जुलाई तक एमओयू कर लेगा. विभाग ने कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग के दौरान विकास आयुक्त को यह जानकारी दी. इससे संबंधित निविदा पत्र (टेंडर) तैयार कर लिया गया है. गौरतलब है कि राज्य में एंबुलेंस चलाने के लिए केंद्र ने 29.80 करोड़ रुपये देने पर सहमति जतायी है. इस रकम से कुल 274 एंबुलेंस खरीदे जायेंगे, जो राज्य भर में 108 नाम से चलेंगे. सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को एक घंटे के गोल्डेन आवर में ट्रॉमा सेंटर/अस्पताल पहुंचाया जायेगा. केंद्र ने दो तरह के एंबुलेंस का अनुमोदन दिया है. इनमें एक बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) व दूसरी एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस है. इनकी कीमत क्रमश: 10 व 16 लाख रुपये होगी. एएलएस में जीवन रक्षा संबंधी कुछ अधिक उपकरण होंगे. एनआरएचएम सूत्रों के मुताबिक कुल 40 एएलएस तथा 234 बीएलएस की खरीद होनी है. ट्रॉमा सेंटर नहीं बने : सरकार इमरजेंसी एंबुलेस सेवा तो शुरू कर रही है, पर सड़क दुर्घटना में घायल लोगों के इलाज के लिए सभी 10 ट्रॉमा सेंटर अभी नहीं बना सकी है. ट्रॉमा सेंटर बनने से सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों की जान बच सकती है. इधर, गढ़वा व बहरागोड़ा में करीब ढाई करोड़ की लागत से दो ट्रॉमा सेंटर के भवन बने, लेकिन अभी कुछ माह पहले ही वहां चिकित्सक का पदस्थापन हुआ है. रिम्स में राज्य का अकेला ट्रॉमा सेंटर चल रहा है. शेष सात सेंटर अभी बनने हैं. ट्रॉमा सेंटर बनाने की योजना वित्तीय वर्ष 2007-08 में बनी थी. यह तय हुआ कि 10 ट्रॉमा सेंटर बनाये जायेंगे. अब तक सिर्फ दो सेंटर ही बन सके हैं.

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